
Standing Committee on Agricultural Affairs: संसद की कृषि मामलों की स्थायी समिति ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी रूप से गारंटीशुदा बनाने और किसानों के लिए कर्ज माफी की योजना शुरू करने की सिफारिश की है। कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता वाली इस कमेटी ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट संसद में पेश की।
कानूनी गारंटी के साथ MSP लागू करने पर जोर
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कानूनी रूप से गारंटीशुदा MSP किसानों की वित्तीय स्थिति को सुधारने और उनकी आत्महत्या के मामलों को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। रिपोर्ट में कृषि और किसान कल्याण विभाग से जल्द से जल्द MSP को कानूनी रूप में लागू करने की ठोस रूपरेखा तैयार करने की सिफारिश की गई है।
MSP किसानों के लिए क्यों जरूरी?
कमेटी ने तर्क दिया कि MSP की कानूनी गारंटी से न केवल किसानों की आजीविका सुरक्षित होगी, बल्कि यह ग्रामीण आर्थिक विकास और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को भी मजबूत करेगा। MSP के माध्यम से एक सुनिश्चित आय मिलने से किसान खेती में अधिक निवेश कर सकेंगे, जिससे उत्पादकता और स्थिरता में वृद्धि होगी।
कर्ज माफी योजना और अन्य सिफारिशें
रिपोर्ट में किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिए कर्ज माफी योजना शुरू करने की भी सिफारिश की गई है। इसके साथ ही फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों को मुआवजा, खेत मजदूरों के लिए न्यूनतम जीवनयापन मजदूरी सुनिश्चित करने हेतु राष्ट्रीय आयोग की स्थापना और कृषि विभाग का नाम बदलकर उसमें खेत मजदूरों को शामिल करने की भी अनुशंसा की गई है।
सरकार को MSP पर नियमित रिपोर्टिंग का सुझाव
कमेटी ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार प्रत्येक फसल मौसम के बाद संसद में एक रिपोर्ट पेश करे, जिसमें MSP पर अपनी उपज बेचने वाले किसानों की संख्या, MSP और बाजार मूल्य के बीच का अंतर, और किसानों को मिले कुल लाभ का विवरण दिया जाए।
23 उत्पादों पर MSP तय करती है सरकार
गौरतलब है कि सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर 23 उत्पादों के लिए MSP तय करती है। कमेटी ने इसे कानूनी रूप से लागू करने की वकालत करते हुए कहा है कि यह किसानों की आजीविका और देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूती प्रदान करेगा।
किसान आंदोलन और रिपोर्ट का महत्व
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब किसान लंबे समय से MSP की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। कमेटी का मानना है कि इन सिफारिशों को लागू करके न केवल किसानों के संकट को दूर किया जा सकता है, बल्कि कृषि क्षेत्र को भी सशक्त बनाया जा सकता है।