Friday, December 5, 2025
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श्रीलंका में चक्रवात दितवाह: बाढ़ व भूस्खलन में भारी तबाही, भारत ने राहत–रक्षक अभियान तेज किया

श्रीलंका में चक्रवात दितवाह के कारण हुई तेज बारिश ने भारी बाढ़ और भूस्खलन पैदा कर दिए हैं। आपदा प्रबंधन केंद्र (DMC) के नवीनतम बयानों के अनुसार अब तक 212 लोग मारे गए हैं और 218 लोग लापता हैं। इस आपदा से लगभग 2,73,606 परिवारों के 9,98,918 व्यक्ति प्रभावित हुए हैं। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने राष्ट्रीय आपदा के मद्देनज़र पूरे देश में इमरजेंसी घोषित कर दी है।

बचाव और निकासी — भारत ने मदद बढ़ाई

भारत ने श्रीलंका की आपदा राहत में तुरंत हस्तक्षेप किया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें और भारतीय वायुसेना (IAF) संयुक्त रूप से बचावकार्य चला रही हैं और श्रीलंकाई अधिकारियों को युद्धस्तर पर सहायता दे रहे हैं।

भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने प्रतिबंधित/प्रभावित क्षेत्रों से फंसे लोगों को निकालने के लिए हाइब्रिड बचाव अभियान चलाया।

एक गरुड़ कमांडो टीम को कोटमाले के पूर्व-निर्धारित हेलीपैड पर उतारा गया, जहां से 24 यात्रियों — जिनमें भारतीय, विदेशी और श्रीलंकाई नागरिक शामिल थे — को कोलंबो तक पहुंचाया गया।

अभियान के दौरान तीन गंभीर रूप से घायल यात्रियों को तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए कोलंबो ले जाया गया।

श्रीलंका में राहत व बचाव के लिए कोलंबो में एमआई-17 V5 हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं; साथ ही भारतीय वायुसेना के परिवहन विमान C-130J और IL-76 ने ऑपरेशन सागर बंधु के तहत शनिवार को कोलंबो में लगभग 21 टन राहत सामग्री पहुंचाई।

वायुसेना ने बताया कि भारतीय नागरिकों की बड़े पैमाने पर निकासी के लिए त्रिवेंद्रम और हिंडन से कई मिशनों की योजना बनाई गई है तथा चिकित्सा आपूर्ति व आवश्यक राहत सामग्री हवाई मार्ग से भेजी जा रही हैं।

ग्राउंड सहायता और राहत सामग्री

राहत कार्यों में श्रीलंकाई सेना के साथ समन्वय के तहत भारत ने अतिरिक्त मदद भेजी है: दियाथलावा आर्मी कैंप से 5 टीमों (कुल 40 सैनिक) को कोटमाले के भूस्खलन प्रभावित इलाकों में भेजा गया था। इसके अलावा, ऑपरेशन सागर बंधु के तहत श्रीलंका को भेजी गई राहत सामग्री 21 टन से अधिक बताई जा रही है।

प्रभावित पर्यटक और हॉटलाइन

कोलंबो हवाई अड्डे पर बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटक फंसे हुए बताए गए हैं; मदद के लिए संबंधित अधिकारियों ने हेल्पलाइन भी जारी की है। (हेल्पलाइन नंबर समाचार स्रोत में जारी है।)

क्या आगे?

स्थानीय प्रशासन, सेना और अंतरराष्ट्रीय सहायताकार्य एक साथ जारी हैं। बड़े पैमाने पर निकासी, प्राथमिक चिकित्सा और राहत सामग्री की तैनाती को प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि क्षति का आकलन और लंबी अवधि की पुनर्वास योजनाएँ भी आवश्यक होंगी।


यह खबर लगातार बदलती परिस्थितियों से जुड़ी

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