गाजीपुर – जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई के तहत वरिष्ठ सहायक अभिनव कुमार सिंह को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई वाराणसी स्थित एंटी करप्शन टीम द्वारा जिला सचिवालय परिसर में की गई, जिससे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है।
पूरा मामला क्या है?
प्रमोद सिंह, जो 30 जून 2025 को प्रधान सहायक पद से सेवानिवृत्त हुए थे, को उनकी जीपीएफ (सामान्य भविष्य निधि) की राशि अब तक नहीं मिली थी। जबकि महालेखाकार कार्यालय द्वारा भुगतान के आदेश पहले ही दिए जा चुके थे। जब कई प्रयासों के बावजूद भुगतान नहीं हुआ, तो उन्होंने वाराणसी स्थित एंटी करप्शन कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई।
प्रमोद सिंह के अनुसार, वरिष्ठ सहायक अभिनव कुमार सिंह ने जीपीएफ पास कराने के बदले 40 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। यह रकम दो किस्तों में देने को कहा गया—पहली किश्त 20 हजार रुपये तुरंत और बाकी बाद में। शिकायतकर्ता ने अपनी ताजगी सेवानिवृत्ति का हवाला देकर माफ़ी की अपील की, लेकिन आरोपी ने दबाव बनाते हुए रिश्वत लेने पर जोर दिया।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
शिकायत की पुष्टि होने पर, एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाया। टीम ने प्रमोद सिंह को तय रकम के साथ कलेक्ट्रेट भेजा। जैसे ही अभिनव कुमार सिंह ने 20 हजार रुपये लिए, टीम ने तुरंत मौके पर दबिश देकर उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। इसके बाद आरोपी को गाजीपुर कोतवाली ले जाया गया, जहां उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
आरोपी की जानकारी
अभिनव कुमार सिंह, ग्राम सैयदराजा, थाना जमानिया, जनपद गाजीपुर का निवासी है और वर्तमान में जिला कलेक्ट्रेट में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत था।
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