
कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान एक कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने के आरोपी शाहरुख पठान को 15 दिन की अंतरिम जमानत दे दी है। यह जमानत उसके बीमार पिता की देखभाल के लिए दी गई है। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने जमानत का विरोध किया था, लेकिन कोर्ट ने 20,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के जमानतदार पर जमानत मंजूर कर दी।
अंतरिम जमानत पर कोर्ट की शर्तें
कोर्ट ने शाहरुख पठान को निर्देश दिया है कि वह अपना मोबाइल फोन हमेशा चालू रखे और जांच अधिकारियों को अपना नंबर दे। साथ ही, उसे गवाहों को प्रभावित न करने और जांच में किसी भी तरह की बाधा न डालने की सख्त हिदायत दी गई है।
दिल्ली पुलिस ने किया था विरोध
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दलील दी थी कि शाहरुख पठान गंभीर अपराध का आरोपी है, और अगर उसे जमानत दी जाती है, तो वह मामले की कार्यवाही को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, बचाव पक्ष के वकीलों—खालिद अख्तर और अब्दुल्ला अख्तर—ने शाहरुख के पिता की गंभीर स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए जमानत की मांग की थी।
वायरल वीडियो से हुआ था कुख्यात
फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान एक कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने का वीडियो वायरल होने के बाद शाहरुख पठान चर्चाओं में आया था। उसे न्यायिक हिरासत में रखा गया था और इस मामले में कड़ी कानूनी जांच चल रही है।
जेल से रिहाई के दिन से शुरू होगी जमानत अवधि
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि 15 दिन की अंतरिम जमानत की अवधि उसकी जेल से रिहाई के दिन से शुरू होगी। इस मामले में कई अन्य गिरफ्तारियां भी हुई हैं और जांच जारी है।

VIKAS TRIPATHI
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