नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बहुचर्चित सीलमपुर मर्डर केस में गिरफ्तार की गई कुख्यात ‘लेडी डॉन’ जिकरा को कोर्ट ने दो दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से यह अनुरोध किया था कि हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जिकरा की पूछताछ जरूरी है।
दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश की गई जिकरा को पुलिस ने दोबारा गिरफ्तार किया था। अदालत में पेशी के दौरान पुलिस ने तर्क दिया कि जिकरा न केवल हत्या की साजिश में शामिल थी, बल्कि वह घटनास्थल पर भी मौजूद थी। वहीं, जिकरा की ओर से पेश हुए वकील ने दावा किया कि वह निर्दोष है और उसे झूठा फंसाया जा रहा है।
सिर्फ़ दूध लेने निकला था कुणाल, रास्ते में मार डाला
यह मामला 17 वर्षीय किशोर कुणाल की निर्मम हत्या से जुड़ा है, जिसे गुरुवार शाम न्यू सीलमपुर इलाके में उसके घर के पास चाकू घोंपकर मार डाला गया। कुणाल अपने बीमार पिता के लिए दूध लेने गया था, लेकिन कुछ ही दूरी पर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई।
घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया। सैकड़ों लोगों ने शुक्रवार को सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
‘लेडी डॉन’ की पहचान और आपराधिक पृष्ठभूमि
मृतक के परिजनों के मुताबिक, हत्या के वक्त घटनास्थल पर जिकरा भी मौजूद थी, जिसे स्थानीय लोग ‘लेडी डॉन’ के नाम से जानते हैं। जिकरा की सोशल मीडिया पर भी एक विवादास्पद पहचान है—वह पिस्तौल के साथ वीडियो बनाकर वायरल करती रही है। इसी के चलते उसे पहले शस्त्र अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।
जेल से जमानत पर छूटने के बाद, जिकरा कुणाल के घर के पास एक किराए के मकान में रह रही थी। वह कथित रूप से गैंगस्टर हाशिम बाबा की पत्नी जोया के लिए बाउंसर के रूप में भी काम कर चुकी है।
साजिश की कड़ी खुलने लगी, चार आरोपी हिरासत में
पुलिस ने अब तक जिकरा के अलावा उसके चचेरे भाई साहिल खान, रिहान मिर्जा और एक अन्य आरोपी को हिरासत में लिया है। पुलिस का कहना है कि हत्या पूर्व नियोजित थी और जिकरा ने इसमें सक्रिय भूमिका निभाई है।
क्या है आगे की दिशा?
पुलिस अब जिकरा से हत्या में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी और अन्य फरार आरोपियों के बारे में पूछताछ करेगी। दो दिन की रिमांड के दौरान पुलिस को साजिश की गहराई तक पहुंचने की उम्मीद है।
यह मामला क्यों अहम है?
- नाबालिग की निर्दोष हत्या ने पूरे शहर को झकझोर दिया
- ‘लेडी डॉन’ जैसे स्थानीय अपराध सिंडिकेट की भूमिका उजागर
- सोशल मीडिया पर अपराधियों की दिखावा संस्कृति की पोल खुली
- पुलिस पर सामाजिक दबाव और राजनीतिक निगरानी बढ़ी