महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) का नाम बदलने को लेकर देश की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस पूरे विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सरकार पर तीखा सवाल खड़ा किया है।
थरूर ने कहा कि नए ‘विकसित भारत–जी राम जी (VB-G RAM G)’ बिल के तहत मनरेगा का नाम बदलना अनावश्यक और विवाद पैदा करने वाला कदम है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ग्राम स्वराज की अवधारणा और राम राज्य का आदर्श कभी एक-दूसरे के विरोधी नहीं रहे, बल्कि ये दोनों महात्मा गांधी की चेतना के जुड़वां स्तंभ थे।
‘गांधीजी की विरासत का अपमान न करें’ – शशि थरूर
थरूर ने याद दिलाया कि महात्मा गांधी का ग्रामीण गरीबों को लेकर दृष्टिकोण बेहद स्पष्ट था। वे उनकी परवाह करते थे और ‘राम’ में उनकी गहरी आस्था थी।
उन्होंने कहा, “गांधीजी की आखिरी सांस में भी ‘राम’ थे। उनकी विरासत का अपमान न करें। जहां कभी कोई रेखा थी ही नहीं, वहां विभाजन की रेखा न खींचें।”
The controversy over renaming MGNREGA in the Govt’s proposed new G-RAM-G Bill is unfortunate. The concept of Gram Swaraj and the ideal of Ram Rajya were never competing forces; they were the twin pillars of Gandhiji’s consciousness. Replacing the Mahatma’s name in a scheme for…
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) December 15, 2025
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि पिछले 20 वर्षों से यह योजना महात्मा गांधी के नाम से जानी जाती रही है, फिर अब अचानक नाम बदलने की जरूरत क्यों महसूस हो रही है? “सरकार को योजना की शर्तें बदलने का अधिकार है, लेकिन नाम बदलना जरूरी नहीं है।”
केसी वेणुगोपाल का तीखा हमला – ‘MGNREGA को G RAM G कहना गांधी का घोर अपमान’
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि मनरेगा का नाम बदलना महात्मा गांधी और उनकी विचारधारा को मिटाने की कोशिश है।
वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि “जिनके वैचारिक साथियों ने गांधीजी के शरीर को मारा, वही आज उनके विचारों को खत्म करने के लिए उनका नाम मिटा रहे हैं।”
Their ideological associates killed his body, and they are today erasing his name to kill his idea. We staunchly oppose the renaming of the Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act (MGNREGA) scheme.
So strong is the urge to wipe out Bapu’s name, that they are…
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) December 15, 2025
उन्होंने कहा कि सरकार वित्तीय गड़बड़ियों को सुधारने के बजाय नाम बदलने में लगी हुई है और संसद को अपने संकीर्ण एजेंडे के लिए ‘रबर स्टैंप’ की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।
उनके मुताबिक, मनरेगा का नाम बदलकर ‘विकसित भारत रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ – G RAM G करना देश की राष्ट्रीय चेतना पर गहरा आघात है।
प्रियंका गांधी का सवाल – ‘नाम हटाने से फायदा क्या?’
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी इस देश ही नहीं, पूरी दुनिया के सबसे बड़े नेताओं में गिने जाते हैं। उनका नाम क्यों हटाया जा रहा है? इसका फायदा क्या है? मकसद क्या है? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा।”
प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि संसद का कामकाज ठप है और जिन मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए, उन पर बात ही नहीं हो रही।
सरकार ला रही है नई योजना: VB-G RAM G
केंद्र सरकार मनरेगा की जगह विकसित भारत–जी राम जी (VB-G RAM G) नाम से नई योजना लाने जा रही है। इस प्रस्तावित योजना के तहत—
ग्रामीण परिवारों को अब 100 की बजाय 125 दिन का रोजगार मिलेगा
फंडिंग पैटर्न 90:10 से बदलकर 60:40 किया जाएगा
राज्यों की जिम्मेदारी और हिस्सेदारी दोनों बढ़ेंगी
सरकार का दावा है कि यह बिल ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप ग्रामीण विकास का नया खाका तैयार करेगा।














