
RG Kar Rape-Murder Case Verdict: कोलकाता के चर्चित आरजी कर रेप-मर्डर मामले में सियालदह कोर्ट ने शनिवार को आरोपी सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय को दोषी ठहराया। न्यायाधीश अनिर्बान दास ने सीबीआई द्वारा पेश किए गए सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर संजय रॉय को भारतीय दंड संहिता की धारा 64 (बलात्कार), 66 (बलात्कार के बाद मौत) और 103(1) (हत्या) के तहत दोषी करार दिया।
कोर्ट में क्या हुआ?
शनिवार को सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने आरोपी से कहा, “मुझे लगता है कि आप ही इसके लिए जिम्मेदार हैं।” अदालत ने मोबाइल टॉवर और घटनास्थल से मिले अन्य साक्ष्यों के आधार पर दोष तय किया। हालांकि, सजा का ऐलान सोमवार को किया जाएगा।
संजय रॉय ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा, “मैंने कुछ नहीं किया। मेरे गले में रुद्राक्ष की माला है। मेरी बात सुनी जाए।” इस पर जज ने कहा, “मैं तुम्हें सोमवार को सुनूंगा।”
क्या है मामला?
8-9 अगस्त की रात को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की एक युवा महिला डॉक्टर का शव मिलने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा। एक दिन बाद, कोलकाता पुलिस ने सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया। बाद में, कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई।
सीबीआई ने इस केस में संजय रॉय को एकमात्र आरोपी बनाया।
सजा पर उठी मांग
इस जघन्य अपराध के खिलाफ अधिकतम सजा की मांग को लेकर आज अदालत परिसर में लोगों ने नारेबाजी की। न्यायाधीश ने भी सुनवाई के दौरान कहा, “आपकी सजा न्यूनतम 10 वर्ष की कारावास से लेकर मृत्युदंड तक हो सकती है।”
कानून की धाराओं के तहत संभावित सजा
- आईपीसी धारा 64: बलात्कार के लिए न्यूनतम सजा 10 वर्ष की कारावास और अधिकतम आजीवन कारावास। जुर्माने का भी प्रावधान।
- आईपीसी धारा 66: बलात्कार के कारण पीड़िता की मृत्यु या अक्षम होने की स्थिति में न्यूनतम 20 वर्ष और अधिकतम आजीवन कारावास।
- आईपीसी धारा 103(1): हत्या के लिए मृत्युदंड या आजीवन कारावास का प्रावधान।
क्या है आगे की प्रक्रिया?
सोमवार को सियालदह कोर्ट में न्यायाधीश संजय रॉय को सजा सुनाएंगे। इस फैसले पर पीड़िता के परिवार और समाज की नजरें टिकी हैं।

VIKAS TRIPATHI
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