
राजस्थान सरकार ने कोचिंग संस्थानों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए नया कानून लाने की तैयारी कर ली है। बुधवार को विधानसभा में “राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक” पेश किया गया, जिसके तहत सभी कोचिंग सेंटरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। साथ ही, सरकार एक विशेष निगरानी कमेटी बनाएगी, जो इन संस्थानों की गतिविधियों पर नजर रखेगी।
अगर कोई कोचिंग सेंटर नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसे 5 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा। इस तरह भजनलाल सरकार ने कोचिंग सेंटरों की अव्यवस्था पर सख्त कदम उठाने का संकेत दे दिया है।
कोटा बना कोचिंग हब, लेकिन छात्रों पर बढ़ा तनाव
राजस्थान का कोटा शहर देशभर में मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए जाना जाता है। हर साल लाखों छात्र यहां अपने सपनों को पूरा करने के लिए आते हैं, लेकिन अत्यधिक दबाव, गलत दावों और अनियमित माहौल के कारण कई छात्र मानसिक तनाव का शिकार हो जाते हैं।
इस नए कानून के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी कोचिंग सेंटर बिना रजिस्ट्रेशन के न चले और छात्रों के हितों की रक्षा की जा सके।
उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम चंद बैरवा का बयान
विधानसभा में विधेयक पेश करते हुए राजस्थान के उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम चंद बैरवा ने कहा,
“पिछले दो दशकों में कोचिंग संस्थानों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। ये संस्थान हर साल लाखों छात्रों को NEET, IIT-JEE, IIM और CLAT जैसी परीक्षाओं में सफलता की गारंटी देने का दावा करते हैं, लेकिन हकीकत में इनका संचालन अनियमित रूप से होता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि कई कोचिंग सेंटर झूठे दावे करके छात्रों को गुमराह करते हैं। जब अपेक्षित परिणाम नहीं आते, तो छात्रों को मानसिक तनाव झेलना पड़ता है, जिससे आत्महत्या जैसी दुखद घटनाएं भी सामने आती हैं।
क्या बदलेगा इस कानून से?
✔ कोचिंग सेंटरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।
✔ एक सरकारी निगरानी कमेटी कोचिंग सेंटरों की जांच करेगी।
✔ झूठे दावे करने वाले संस्थानों पर सख्त कार्रवाई होगी।
✔ अनियमितता पाए जाने पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा।
✔ छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सुधार किए जाएंगे।
छात्रों और अभिभावकों की क्या प्रतिक्रिया?
इस कानून को लेकर छात्रों और उनके माता-पिता ने मिश्रित प्रतिक्रियाएं दी हैं। जहां कुछ छात्रों को उम्मीद है कि इससे कोचिंग सेंटरों में बेहतर माहौल मिलेगा, वहीं कुछ का मानना है कि इससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो सकती है।
एक छात्र के अनुसार,
“अगर सरकार सही तरीके से इस कानून को लागू करे, तो यह हमारे लिए फायदेमंद होगा। लेकिन हमें डर है कि इससे कोचिंग सेंटरों की फीस और बढ़ सकती है।”
क्या यह कानून छात्रों के हित में साबित होगा?
राजस्थान सरकार का यह कदम शिक्षा प्रणाली को पारदर्शी और अनुशासित बनाने की दिशा में अहम साबित हो सकता है। हालांकि, यह देखना होगा कि यह कानून कितना प्रभावी तरीके से लागू होता है और छात्रों को इसका असल फायदा कितना मिलता है।
अब सबकी नजरें सरकार के अगले कदम पर हैं।

VIKAS TRIPATHI
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