नई दिल्ली — रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज दिल्ली पहुँचे, जहाँ उनका स्वागत प्रधानमंत्री नारेंद्र मोदी ने पालम एयरपोर्ट पर स्वाभाविक गर्मजोशी के साथ किया। दोनों नेताओं ने हाथ मिलता और गले लगकर एक-दूसरे को अभिवादन किया — यही स्वागत समारोह का भावनात्मक क्षण रहा।
एयरपोर्ट पर पारंपरिक सत्कार के साथ कलाकारों ने सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किए। स्वागत समारोह के बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन एक ही गाड़ी में बैठकर एयरपोर्ट से प्रधानमंत्री आवास तक गए — इस दृश्य ने दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण रिश्ते की स्पष्ट झलक दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन का दिल्ली में स्वागत करके उन्हें अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने लिखा कि वे आज शाम और कल होने वाली बैठकों का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं और भारत-रूस की मित्रता समय की कसौटी पर खरी उतरी है, जिससे दोनों देशों के नागरिकों को लाभ हुआ है। साथ ही पीएम ने पुतिन के साथ बातचीत और उनकी तस्वीरें भी साझा कीं।
Я рад приветствовать в Дели своего друга – Президента Путина. С нетерпением жду наших встреч сегодня вечером и завтра. Дружба между Индией и Россией проверена временем; она принесла огромную пользу нашим народам.@KremlinRussia_E pic.twitter.com/yqmhCbZBde
— Narendra Modi (@narendramodi) December 4, 2025
यह पुतिन का चार साल बाद भारत का पहला दौरा है — रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद यह उनका पहला आगमन है। पुतिन 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने आए हैं। सूत्रों के अनुसार आज रात प्रधानमंत्री मोदी पुतिन के सम्मान में एक निजी डिनर की मेजबानी करेंगे।
आम तौर पर इस दौरे को दोनों देशों के रणनीतिक और आर्थिक सहयोग के लिहाज़ से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चर्चा के सम्भावित मुद्दों में तेल आपूर्ति, S-400 मिसाइल प्रणाली की खरीद और मुक्त व्यापार समझौते (FTA) जैसे विषय शामिल बताए जा रहे हैं।
क्रेमलिन ने भी इस स्वागत को खास अंदाज़ में लिया — बताया गया है कि प्रधानमंत्री का एयरपोर्ट पर व्यक्तिगत रूप से पुतिन का स्वागत करना उनके लिए अप्रत्याशित था। क्रेमलिन ने इसे सम्मान और दोस्ती का प्रतीक कहा है और बताया कि भारतीय पक्ष ने प्रारम्भिक तौर पर इस बात की सूचना नहीं दी थी।
इस दौरे को दोनों देशों के लंबे समय के सहयोग और बदलते वैश्विक परिदृश्य में द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूती देने के अवसर के रूप में देखा जा रहा है। आज शुरू हुई वार्ता और बैठकें अगले 24–48 घंटे में दोनों देशों के रणनीतिक फैसलों और समझौतों के संदर्भ में महत्वपूर्ण संकेत देंगी।














