
Sanjay Jha Reply To Arvind Kejriwal: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डॉ. भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान के बाद सियासत गर्म हो गई है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बयान को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखी थी, जिस पर जनता दल (यूनाइटेड) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने केजरीवाल को कड़ा जवाब दिया है।
केजरीवाल की चिट्ठी: बाबा साहेब देश की आत्मा
अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में नीतीश कुमार से अपील की थी कि वह अमित शाह के बयान पर गहराई से विचार करें। उन्होंने लिखा, “बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि इस देश की आत्मा हैं। उन्हें चाहने वाले कभी भी भारतीय जनता पार्टी का समर्थन नहीं कर सकते। मैं उम्मीद करता हूं कि आप भी इस मसले पर गंभीरता से विचार करेंगे।”
संजय झा का पलटवार: “आपकी पीड़ा समझ सकता हूं”
केजरीवाल की चिट्ठी का जवाब देते हुए संजय झा ने कहा, “आपकी असली पीड़ा मैं समझ सकता हूं। आपका दर्द यह है कि गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में आपके गठबंधन के नेता और उनकी पार्टी की सच्चाई सबके सामने रख दी।” झा ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब के साथ जो दुर्व्यवहार किया, वह कभी माफ नहीं किया जा सकता।
“नीतीश कुमार का योगदान अतुलनीय है”
संजय झा ने नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए लिखा, “नीतीश कुमार ने बिहार में दलितों और पिछड़ों के लिए जो काम किया है, वह आपकी पार्टी और आपके गठबंधन के नेताओं की सोच से परे है। 2014 में जब नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद छोड़ा था, तब उन्होंने जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया, जो महादलित समाज से आते हैं। इसके विपरीत, जब आपने दिल्ली का मुख्यमंत्री पद छोड़ा, तो आपको कोई दलित इस पद के लायक नहीं मिला।”
कांग्रेस पर भी हमला
संजय झा ने अपने पत्र में कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस और उसके नेताओं ने बाबा साहेब का सबसे ज्यादा अपमान किया है। “जो पार्टी खुद अंबेडकर जी के साथ अन्याय कर चुकी है, वह अब उनके नाम पर राजनीति कर रही है।”
अमित शाह के बयान पर तूल
अमित शाह के बयान को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने नाराजगी जताई है। बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा, “जब तक अमित शाह को बर्खास्त नहीं किया जाता, तब तक हम पूरे देश में आंदोलन करेंगे। हम बाबा साहेब का अपमान नहीं सहेंगे।”
वहीं, बीजेपी और उसके सहयोगियों का कहना है कि कांग्रेस ने बाबा साहेब के साथ सबसे बड़ा अन्याय किया है और अब वह भाजपा को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रही है।
निष्कर्ष
अमित शाह के बयान ने राजनीतिक हलकों में तीखी बहस छेड़ दी है। जहां एक तरफ विपक्ष इसे लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है, वहीं बीजेपी और उसके सहयोगी कांग्रेस पर पलटवार कर रहे हैं। इस विवाद से यह स्पष्ट है कि अंबेडकर के विचारों और उनके योगदान को लेकर देश में सियासी खींचतान अभी और तेज होने वाली है।