
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर भारत की वन्यजीव संरक्षण उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि जब दुनिया के कई टाइगर रेंज देशों में बाघों की आबादी स्थिर या घट रही है, वहीं भारत में यह लगातार बढ़ रही है। उन्होंने इसका श्रेय भारत की संस्कृति और समाज में पर्यावरण व जैव विविधता के प्रति स्वाभाविक लगाव को दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में इकोलॉजी और इकोनॉमी को अलग-अलग नहीं देखा जाता, बल्कि दोनों के सह-अस्तित्व को महत्व दिया जाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हर प्रजाति का अपना महत्व है और उसके संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है।

गिर अभयारण्य पहुंचे पीएम मोदी, राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की करेंगे अध्यक्षता
प्रधानमंत्री मोदी जूनागढ़ जिले में स्थित गिर वन्यजीव अभयारण्य के मुख्यालय सासन गिर पहुंचे, जहां उन्होंने जंगल सफारी का आनंद लिया। 3 मार्च को वह राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे और वन्यजीव संरक्षण से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

पर्यावरण संरक्षण मानवता के भविष्य के लिए आवश्यक
पीएम मोदी ने कहा कि वन्यजीव संरक्षण किसी एक देश की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक मुद्दा है, जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मानवता का उज्ज्वल भविष्य तभी संभव है, जब हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहेगा।

प्रधानमंत्री ने पृथ्वी की अविश्वसनीय जैव विविधता को संरक्षित करने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करनी होगी। उन्होंने वन्यजीव संरक्षण में भारत के योगदान पर गर्व व्यक्त किया और सभी से इस दिशा में कार्य करने की अपील की।

VIKAS TRIPATHI
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