प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर का दौरा करेंगे, जहां वे एक ओर ₹50,000 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, वहीं दूसरी ओर नेहरू स्टेडियम में परिवर्तन संकल्प सभा के माध्यम से 2026 विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक शंखनाद भी करेंगे।
दो कार्यक्रम, दो संदेश — विकास भी, बदलाव भी
पीएम मोदी का पहला कार्यक्रम दोपहर 3 बजे होगा, जिसमें वे तेल-गैस, रेल, सड़क और ऊर्जा क्षेत्र की अनेक परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इन परियोजनाओं का कुल मूल्य ₹50,000 करोड़ से अधिक है। इसके 45 मिनट बाद वे नेहरू स्टेडियम में आयोजित “परिवर्तन संकल्प सभा” को संबोधित करेंगे — जिसे राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है।
यह रैली उस समय हो रही है जब तृणमूल कांग्रेस 21 जुलाई को अपनी ‘शहीद दिवस’ मेगा रैली की तैयारी में जुटी है। ऐसे में पीएम मोदी की सभा को टीएमसी की रणनीति को चुनौती देने वाला सीधा जवाब माना जा रहा है।
परियोजनाओं से मिलेगा बांकुड़ा-पुरुलिया-दुर्गापुर को फायदा
प्रधानमंत्री मोदी जिन परियोजनाओं की सौगात देंगे, उनमें प्रमुख हैं:
बीपीसीएल की सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन परियोजना (₹1,950 करोड़)
बांकुड़ा और पुरुलिया में पीएनजी कनेक्शन, सीएनजी रिटेल आउटलेट और रोजगार सृजन।
दुर्गापुर-कोलकाता गैस पाइपलाइन खंड का उद्घाटन (₹1,190 करोड़)
पूर्व बर्धमान, हुगली और नादिया जिलों को स्वच्छ ऊर्जा और रोज़गार।
दामोदर घाटी निगम के दो संयंत्रों में FGD सिस्टम (₹1,457 करोड़)
स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और प्रदूषण नियंत्रण।
पुरुलिया-कोटशिला दोहरी रेल लाइन (36 किमी, ₹390 करोड़)
कोलकाता-झारखंड औद्योगिक क्षेत्रों के बीच बेहतर माल और यात्री ट्रांजिट।
जंगलमहल और औद्योगिक बेल्ट — बीजेपी की रणनीति का केंद्र
परियोजनाएं विशेष रूप से जंगलमहल क्षेत्र के बांकुड़ा, पुरुलिया और औद्योगिक हब दुर्गापुर-आसनसोल को ध्यान में रखकर तय की गई हैं — जहां भाजपा आदिवासी और श्रमिक वर्ग में अपनी पैठ को मजबूत करना चाहती है।
बांकुड़ा: 2019 में बीजेपी ने लोकसभा सीट जीती थी, जबकि 2021 में टीएमसी ने वापसी की।
दुर्गापुर पश्चिम: भाजपा विधायक की जीत ने यहां पार्टी की स्थिति को मज़बूत किया है।
आसनसोल: बाबुल सुप्रियो की जीत के बाद 2022 में शत्रुघ्न सिन्हा से टीएमसी की वापसी। यहां हिंदी भाषी और आदिवासी मतदाता निर्णायक हैं।
भाजपा के दिग्गज नेता होंगे मौजूद, एकजुटता का प्रदर्शन तय
इस कार्यक्रम में भाजपा के कई बड़े नेता शिरकत करेंगे, जिनमें शामिल हैं:
समिक भट्टाचार्य (नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष)
शुभेंदु अधिकारी (विपक्ष के नेता)
मिथुन चक्रवर्ती (अभिनेता व भाजपा नेता)
दिलीप घोष (पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष) — जो लंबे समय बाद सार्वजनिक कार्यक्रम में दिखेंगे।
भाजपा कार्यकर्ता इस सभा को पार्टी की राजनीतिक एकजुटता का मंच मान रहे हैं।
राजनीतिक संकेत: ममता बनर्जी पर सीधा वार संभव
तृणमूल कांग्रेस जहां भाजपा शासित राज्यों में बंगाली प्रवासियों पर भेदभाव का मुद्दा उठा रही है, वहीं पीएम मोदी के भाषण पर सबकी निगाहें होंगी। यह देखना अहम होगा कि वे ममता सरकार को किस अंदाज़ में घेरते हैं — विशेषकर भाषाई अस्मिता, जल संकट, आदिवासी कल्याण और औद्योगिक विकास जैसे मुद्दों पर।
बंगाल में ‘विकास बनाम वर्चस्व’ की जंग शुरू
यह दौरा केवल विकास परियोजनाओं की घोषणा नहीं, बल्कि 2026 विधानसभा चुनावों की दिशा तय करने वाला सियासी इशारा है। जहां ममता बनर्जी अपनी सत्ता को और मजबूत करना चाहती हैं, वहीं पीएम मोदी का लक्ष्य है — ‘परिवर्तन का आह्वान’।