Friday, December 5, 2025
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भारतीय सुरक्षा व्यवस्था पर मंथन: रायपुर में डीजीपी-आईजीपी वार्षिक सम्मेलन का शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षकों (आईजीपी) के 60वें वार्षिक सम्मेलन की अध्यक्षता की। सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, पीएम मोदी ने इस सम्मेलन को “सुरक्षा प्रणाली से जुड़ी सर्वोत्तम प्रथाओं और नवाचारों को साझा करने का श्रेष्ठ मंच” बताया। इस दौरान भारत की सुरक्षा व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया।

आईआईएम रायपुर में आयोजित सम्मेलन
केंद्र की सुरक्षा रणनीतियों को नए दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ाने के लिए यह सम्मेलन इस वर्ष छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) में आयोजित किया गया है। शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा के इस महत्वपूर्ण आयोजन का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया। यह सम्मेलन पूर्णतः बंद कमरे में हो रहा है, ताकि सुरक्षा मामलों पर गंभीर और गोपनीय चर्चा हो सके।

प्रधानमंत्री और शीर्ष सुरक्षा नेतृत्व की भागीदारी
शुक्रवार रात रायपुर पहुंचे पीएम मोदी ने शनिवार को बैठक में हिस्सा लिया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल, आईबी प्रमुख तपन कुमार डेका, सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद सहित विभिन्न केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे।

राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर ठोस विमर्श
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा कि, “भारत की सुरक्षा प्रणाली को और अधिक सक्षम बनाने हेतु सम्मेलन के दौरान व्यापक चर्चा हुई।”
सम्मेलन में नक्सलवाद, आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, महिला सुरक्षा और आपदा प्रबंधन जैसे अहम मुद्दों पर भी मंथन किया जा रहा है। साथ ही, फोरेंसिक विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग से पुलिस व्यवस्था को आधुनिक बनाने पर जोर दिया गया।

अमित शाह ने संगठित अपराध पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत बताई
उद्घाटन सत्र में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने नक्सलवाद, पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा संबंधी समस्याओं का स्थायी समाधान देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। उन्होंने नशीले पदार्थों के विरुद्ध निर्णायक युद्ध छेड़ने, खुफिया तंत्र की सटीकता बढ़ाने और नई आपराधिक संहिताओं के प्रभावी उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया।

हालिया आतंकी साजिशों पर भी चर्चा
यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब हाल ही में सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार विस्फोट मामले में शामिल ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है। ऐसे परिदृश्य में यह सम्मेलन आंतरिक सुरक्षा रणनीतियों को और सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सम्मेलन का उद्देश्य: ‘सुरक्षित भारत’ का विज़न
तीन दिनों तक चलने वाला यह सम्मेलन रविवार को पीएम मोदी के संबोधन के साथ संपन्न होगा। इसका प्रमुख उद्देश्य—

विकसित भारत के राष्ट्रीय संकल्प के अनुरूप ‘सुरक्षित भारत’ का भविष्य रोडमैप तैयार करना।

लगभग 600 अधिकारी इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं, जिसमें डीआईजी और एसपी स्तर के अधिकारी भी शामिल किए गए हैं ताकि युवा नेतृत्व के विचार भी नीति निर्माण का हिस्सा बन सकें।

सम्मेलन को नई सोच और नई जगहों तक ले जाने की पहल
साल 2014 तक यह सम्मेलन केवल दिल्ली में ही आयोजित होता था। लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद इसे देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित करने की परंपरा शुरू की गई। इससे न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा जरूरतों को बेहतर समझने में मदद मिली, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे में विविध दृष्टिकोण शामिल हुए।

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