
पटना | 29 मई 2025
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार बिहार के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे. इस दौरे ने न केवल प्रदेश के विकास को नई दिशा दी, बल्कि बीजेपी संगठन को भी नया जोश और स्पष्ट मार्गदर्शन दिया. गुरुवार को प्रधानमंत्री ने पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्घाटन किया और बिहटा में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का शिलान्यास भी किया. इसके बाद उन्होंने पटना एयरपोर्ट से बीजेपी कार्यालय तक भव्य रोड शो कर कार्यकर्ताओं में उत्साह भर दिया।
राजनीति में धैर्य और प्रतिबद्धता की सीख
बीजेपी कार्यालय में आयोजित बैठक में प्रधानमंत्री ने सांसदों, विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए साफ संदेश दिया—”राजनीति में सबसे अधिक ज़रूरी है धैर्य। पद न मिले तो हड़बड़ी या निराशा में कोई गलत कदम नहीं उठाना चाहिए। पार्टी में हर कार्यकर्ता को मौका जरूर मिलता है। मुझे ही देख लीजिए—एक सामान्य कार्यकर्ता को पार्टी ने तीन बार प्रधानमंत्री बनाया है, ये छोटी बात नहीं।”
एक पदाधिकारी का नाम लेते हुए उन्होंने मुस्कराकर कहा, “आपको तो अनुभव है, जो मैं कह रहा हूं,” और पूरे सभागार में आत्मीयता का माहौल बन गया।
जनसंवाद और योजनाओं के प्रसार पर जोर
प्रधानमंत्री ने सभी नेताओं से अपील की कि केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को हर गांव, हर घर तक पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा, “जनता के बीच जाकर उनके सपनों और आकांक्षाओं को जानिए, समझिए और उन्हीं के अनुरूप कार्य कीजिए। एक मजबूत संगठन की असली ताकत बूथ स्तर से आती है। इसलिए हर कार्यकर्ता को जमीनी स्तर पर पूरी निष्ठा से काम करना होगा।”
बिहार की राजनीतिक चेतना को बताया देश में अद्वितीय
पीएम मोदी ने कहा, “बिहार के लोगों की राजनीतिक समझ सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। 1952, 1957 और 1962 में लोगों ने कांग्रेस को समर्थन दिया, लेकिन 1967 में पहली बार गैर-कांग्रेसी सरकार बनाकर इस राज्य ने वंशवाद की राजनीति को नकार दिया। बिहार ने हमेशा राष्ट्रहित में निर्णायक भूमिका निभाई है।”
ऑपरेशन सिंदूर और POK पर स्पष्ट संदेश
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पीएम ने कहा, “हमारा हर लक्ष्य पूरा हुआ। इस ऑपरेशन की सफलता में बिहार के सपूतों ने भी बलिदान दिया, यह बात लोगों तक पहुंचाई जाए। हमारे बहादुर जवानों ने न सिर्फ आतंकियों को समाप्त किया, बल्कि उनके मददगारों को भी करारा सबक सिखाया।”
उन्होंने आगे कहा, “लोगों में पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) को लेकर प्रबल भावनाएं हैं। यह हमारी प्रतिबद्धता भी है। लेकिन हमें अनावश्यक बयानबाजी से बचना चाहिए। जिस विषय की जानकारी न हो, उस पर सार्वजनिक रूप से बोलने से बचें।”
एनडीए की एकजुटता और समावेशी प्रतिनिधित्व की आवश्यकता
प्रधानमंत्री ने बैठक में ज़ोर देकर कहा कि एनडीए को पूरी एकजुटता के साथ आगामी चुनावों में उतरना चाहिए। उन्होंने कहा, “सभी मंचों पर समाज के हर वर्ग का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। यही समावेशी सोच बीजेपी की शक्ति है और यही न्यू इंडिया की बुनियाद भी।”
उन्होंने यह भी जोड़ा, “आज सुबह से मेरा छठा कार्यक्रम है, लेकिन आप सबके बीच आकर मैं खुद को और भी ऊर्जावान महसूस कर रहा हूं। यही पार्टी की शक्ति है—संघर्ष, सेवा और संगठन।”
संदेश स्पष्ट है—जनता के बीच जाएं, योजनाओं को बताएं, संगठन को मजबूत करें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यात्रा ने स्पष्ट कर दिया कि 2025 के अंत और 2026 के लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी अब कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। बिहार को संगठनात्मक रूप से सशक्त बनाने के साथ-साथ योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी पूरा ज़ोर रहेगा।

VIKAS TRIPATHI
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