
ऑपरेशन सिंदूर को बताया आतंकी नेटवर्क पर कड़ा प्रहार, प्रतिनिधिमंडल भेजने की भारत सरकार की पहल का किया स्वागत
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को भारत-पाकिस्तान संघर्ष, सीजफायर, और कश्मीर में बदलते हालात को लेकर एक अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 10 मई को हुए सीजफायर के बाद से सीमा पर शांति बनी हुई है, और गोलाबारी पूरी तरह रुक चुकी है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की योजना का स्वागत किया है, जिसे उन्होंने आतंक के खिलाफ भारत की एकजुटता का प्रतीक बताया।
सीमा पर शांति, लेकिन नुकसान की भरपाई जरूरी
सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि संघर्ष के दौरान सीमा से सटे इलाकों में जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई के लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर काम करेंगी। इससे स्थानीय निवासियों का जीवन फिर से सामान्य हो सकेगा और उनके चेहरे पर फिर मुस्कान लौटेगी।
ऑपरेशन सिंदूर पर उमर अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया
उमर अब्दुल्ला ने पहल्गाम आतंकी हमले के जवाब में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की सराहना करते हुए कहा कि यह आतंक के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रमाण है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को उजागर करने के लिए जो प्रतिनिधिमंडल भेजा जा रहा है, वह एक रणनीतिक और सराहनीय कदम है।
पर्यटन को लेकर जताई चिंता, अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा प्राथमिकता
सीएम उमर ने यह भी कहा कि आतंकवाद की वजह से कश्मीर का ग्रीष्मकालीन पर्यटन बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिससे हजारों लोगों की रोज़ी-रोटी पर असर पड़ा है। उन्होंने आगे कहा कि अब सरकार की पूर्ण प्राथमिकता अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, ताकि इसमें कोई बाधा न आए और श्रद्धालु सुरक्षित यात्रा कर सकें।
भारत ने पेश की एकता की मिसाल
सीएम उमर अब्दुल्ला का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पूरा देश, पक्ष और विपक्ष की सीमाओं से ऊपर उठकर, पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का प्रदर्शन कर रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि आतंक के प्रति जीरो टॉलरेंस ही उसका स्थायी दृष्टिकोण है।