राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता में संसद की सर्वदलीय शिक्षा संबंधी स्थायी समिति ने उच्च शिक्षा विभाग की स्वायत्त संस्थाओं पर अपनी 371वीं रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत की। रिपोर्ट में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA), NAAC, UGC तथा अन्य शिक्षा संस्थानों से जुड़े कई महत्वपूर्ण सुधारों की अनुशंसाएँ की गई हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के वर्षों में NTA के प्रदर्शन ने विश्वास को प्रभावित किया है, इसलिए उसकी आंतरिक क्षमता को मजबूत करने और पेन-पेपर आधारित परीक्षा प्रणाली पर जोर देने की आवश्यकता है। इसी क्रम में समिति ने सलाह दी है कि NAAC में पाए गए अनियमितताओं पर एक श्वेत पत्र (White Paper) जारी किया जाए और सुधारात्मक कदमों को सार्वजनिक किया जाए।
समिति ने जनवरी 2025 के UGC ड्राफ्ट नियमों को व्यापक समीक्षा के लिए CABE (केंद्रीय सलाहकार बोर्ड ऑफ एजुकेशन) के पास भेजने की सिफारिश की है।
लद्दाख में सोनम वांगचुक द्वारा संचालित HIAL (Himalayan Institute of Alternatives, Ladakh) को स्थानीय समुदायों पर इसके प्रभाव और भारतीय ज्ञान परंपरा (IKS) व अनुभवात्मक शिक्षा में उल्लेखनीय योगदान के आधार पर UGC मान्यता देने का सुझाव भी दिया गया है।
रिपोर्ट में निम्नलिखित प्रमुख सुझाव शामिल हैं:
उच्च शिक्षा संस्थान एवं अनुसंधान परिषदें
केंद्र द्वारा वित्तपोषित उच्च शिक्षा संस्थानों के शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू की जाए।
ICHR (भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद) में लगे अनियमितता के आरोपों की जांच कराई जाए।
स्वायत्त संस्थानों द्वारा प्रदान की जाने वाली JRF (जूनियर रिसर्च फैलोशिप) की राशि बढ़ाने की अनुशंसा।
ICSSR से संबद्ध शोध संस्थानों और क्षेत्रीय केंद्रों में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएँ।
ICSSR के सभी संस्थानों में रिक्त पदों की शीघ्र भरती, प्रमोशन प्रक्रिया तथा वरिष्ठ पदों पर नियुक्तियाँ सुनिश्चित की जाएँ।
प्रशासन एवं शासन सुधार
ऑरोविल फाउंडेशन की शासन प्रणाली में अधिक भागीदारी आधारित निर्णय-प्रक्रिया अपनाई जाए, ताकि फाउंडेशन की स्वायत्त प्रकृति सुरक्षित रह सके।














