
देश की संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले 17 सांसदों और दो विभागीय स्थायी समितियों को संसद रत्न पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार संसद में उनकी सक्रिय भागीदारी, बहसों, सवालों और समिति कार्य के आधार पर दिया जाता है, जिससे न केवल जनप्रतिनिधियों का मनोबल बढ़ता है बल्कि लोकतंत्र को भी मजबूती मिलती है।
विशेष सम्मान प्राप्त करने वाले सांसद
इस बार भर्तृहरि महताब, सुप्रिया सुले, एन. के. प्रेमचंद्रन और श्रीरंग अप्पा बारणे को संसदीय लोकतंत्र में दीर्घकालिक और उल्लेखनीय योगदान के लिए विशेष सम्मान से नवाज़ा जाएगा। इनके अलावा अन्य सम्मानित सांसदों में शामिल हैं:
- रवि किशन, स्मिता वाघ, मेधा कुलकर्णी, प्रवीण पटेल
- निशिकांत दुबे, बिद्युत बरन महतो, पी पी चौधरी
- मदन राठौर, दिलीप सैकिया
- अरविंद सावंत और नरेश म्हस्के (शिवसेना – यूबीटी)
- वर्षा गायकवाड़ (कांग्रेस)
- सी. एन. अन्नादुरई (डीएमके)
समिति योगदान को भी मिला सम्मान
इस वर्ष दो प्रभावशाली विभागीय स्थायी समितियों – वित्त और कृषि – को भी उनके प्रभावशाली कार्यों के लिए सम्मानित किया जाएगा।
- वित्त समिति की अध्यक्षता भर्तृहरि महताब कर रहे हैं
- कृषि समिति का नेतृत्व कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी के हाथ में है
पारदर्शी चयन प्रक्रिया
यह पुरस्कार प्राइम पॉइंट फाउंडेशन द्वारा 2010 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य संसद में निरंतर और सकारात्मक योगदान देने वाले सांसदों को पहचान और सम्मान देना है। पुरस्कार के विजेताओं का चयन एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जूरी द्वारा किया जाता है।
2025 की चयन समिति की अध्यक्षता राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने की।
जूरी द्वारा मूल्यांकन के मानक थे:
- संसद में पूछे गए प्रश्न
- बहसों में भागीदारी
- प्राइवेट मेंबर बिल की प्रस्तुति
- समितियों में सक्रिय भूमिका
लोकतंत्र को सशक्त करने वाली पहल
संसद रत्न पुरस्कार न केवल उत्कृष्ट सांसदों की सराहना का प्रतीक है, बल्कि यह लोकतंत्र की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल भी है। ऐसे पुरस्कार सांसदों को जनता की आवाज़ बुलंद करने और विधायी कार्यों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करते हैं।

VIKAS TRIPATHI
भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए “पर्दाफास न्यूज” चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।