Tuesday, July 1, 2025
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पंचायती राज व्यवस्था लागू होने से अनुसूचित जाति की महिलाओं का राजनीतिक प्रतिनिधित्व बढ़ा है: माधव प्रसाद पांडेय

गाजीपुर। पी० जी० कालेज गाजीपुर में पूर्व शोध प्रबन्ध प्रस्तुत संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी महाविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ तथा विभागीय शोध समिति के तत्वावधान में महाविद्यालय के सेमिनार हाल में सम्पन्न हुई, जिसमें महाविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी व छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे। उक्त संगोष्ठी में कला संकाय के राजनीति शास्त्र विषय के शोधार्थी माधव प्रसाद पाण्डेय ने अपने शोध शीर्षक “पंचायती राज व्यवस्था में अनुसूचित जाति की महिलाओं का सशक्तिकरण: गोरखपुर जनपद के गगहा ब्लाक का एक विशेष अध्ययन” नामक विषय पर शोध प्रबन्ध व उसकी विषय वस्तु प्रस्तुत करते हुए कहा कि आजादी के बाद पंचायती राज व्यवस्था को नीति निदेशक तत्व में शामिल किया गया था, यह राज्यों पर निर्भर था कि पंचायती राज व्यवस्था को लागू करें या छोड़ दें। 73 वें संविधान संशोधन के बाद पंचायती राज व्यवस्था को संविधान में स्थान मिला जिससे पंचायती राज व्यवस्था सशक्त हुई। पंचायती राज व्यवस्था में सभी का समान प्रतिनिधित्व हो इसके लिए आरक्षण की व्यवस्था किया गया। जिसमें महिलाओं को तीस प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। कमसे कम एक तिहाई स्थान अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित है। गोरखपुर जनपद के गगहा ब्लाक में अनुसूचित जाति की संख्या 49649 है। जिसमें अनुसूचित जाति की महिलाओं की संख्या 24598 है। वर्ष 2021 में हुए पंचायत चुनाव में गोरखपुर जनपद के गगहा ब्लाक में ग्राम पंचायत प्रधान के कुल 76 पद हैं जिसमें अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए 6 (7.89 प्रतिशत ) पद आरक्षित है। जिसमें गीता देवी, सिन्धु, पुष्पा, चन्द्रकला, शीला गौतम व शीला ग्राम प्रधान चुनी गयी। क्षेत्र पंचायत सदस्य के 93 पदों में 10 (10.75 प्रतिशत) पद अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित है जिसमें संतराजी, लीलावती, आरती, सलिता, पूनम भारती, लीलावती, आशा, संभा देवी, बिन्दु, निर्मला देवी शामिल हैं।गोरखपुर जनपद के गगहा ब्लाक में जिला पंचायत सदस्य के कुल पांच पदों में से 1(20 प्रतिशत) पद अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित है। जिसमें पिंकी ने चुनाव जीता है। इस प्रकार पंचायती राज व्यवस्था लागू होने से अनुसूचित जाति की महिलाओं का राजनीतिक प्रतिनिधित्व बढ़ा है जो यह संकेत करता है कि इस वर्ग की स्थिति में उत्तरोत्तर सुधार हुआ है। प्रस्तुतिकरण के बाद विभागीय शोध समिति, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ व प्राध्यापकों तथा शोध छात्र-छात्राओं द्वारा शोध पर विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे गए जिनका शोधार्थी माधव प्रसाद पाण्डेय ने संतुष्टिपूर्ण एवं उचित उत्तर दिया। तत्पश्चात समिति एवं महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने शोध प्रबंध को विश्वविद्यालय में जमा करने की संस्तुति प्रदान किया। इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयोजक प्रोफे० (डॉ०) जी० सिंह, शोध निर्देशक मोहम्मद आबिद अंसारी राजनीति शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफे० (डॉ०) सुनील कुमार, प्रोफे० (डॉ०) अरुण कुमार यादव, डॉ० कृष्ण कुमार पटेल, डॉ० राम दुलारे, डॉ० योगेश कुमार, डॉ० रुचिमूर्ति सिंह, प्रोफे०(डॉ०) सत्येंद्र नाथ सिंह, डॉ० अतुल कुमार सिंह, डॉ० मनोज कुमार मिश्रा, डॉ० लवजी सिंह, प्रोफे०(डॉ०)अवधेश कुमार सिंह एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा शोध छात्र- छात्रएं आदि उपस्थित रहे। अंत में प्रोफे० (डॉ०) सुनील कुमार ने सभी का आभार व्यक्त किया। संचालन अनुसंधान एवं विकास प्रोकोष्ठ के संयोजक प्रोफे०(डॉ०) जी० सिंह ने किया।

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