
नई दिल्ली, 28 अप्रैल 2025 — दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में आक्रोश है। इस हमले में 26 पर्यटकों की निर्मम हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया है। अब दिल्ली में बैठकों का दौर जारी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चार अहम बैठकों की अध्यक्षता कर सकते हैं — जिनमें से एक कैबिनेट की पूर्ण बैठक होगी, जबकि बाकी तीन होंगी:
- कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS)
- कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA)
- कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA)
ये बैठकें केवल भारत की रणनीति ही नहीं तय करेंगी, बल्कि पाकिस्तान के भविष्य को भी गहराई से प्रभावित कर सकती हैं।
आतंकियों को जवाब देने को तैयार भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को तीनों सेनाध्यक्षों, एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस जनरल अनिल चौहान और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में प्रधानमंत्री ने सेनाओं को पूरी छूट दी कि वे आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करें। सूत्रों के मुताबिक, 90 मिनट की इस बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि “आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है।”
पाकिस्तान पर मंडरा रहा है खतरा
भारत की आक्रामक रणनीति से पाकिस्तान बुरी तरह घबराया हुआ है। पाकिस्तानी एजेंसियों का दावा है कि भारत अगले 24 से 36 घंटे में सैन्य कार्रवाई कर सकता है। साथ ही पाकिस्तान ने परमाणु ताकत का हवाला देकर चेतावनी दी है। लेकिन भारत का रुख साफ है — इस बार चुप्पी नहीं, सीधी कार्यवाही होगी।
पीएम मोदी की चार बड़ी बैठकें
पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह पहला मौका होगा जब प्रधानमंत्री मोदी कैबिनेट की पूर्ण बैठक करेंगे। इससे पहले वो तीन बड़ी समितियों की अध्यक्षता करेंगे — CCS, CCPA और CCEA. इन बैठकों में कई केंद्रीय मंत्री, रक्षा और कूटनीति विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के खिलाफ कठोर निर्णय और भविष्य की रणनीति पर मुहर लग सकती है।
पहले भी हो चुके हैं कड़े कदम
23 अप्रैल को हुए पहले CCS मीटिंग में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कुछ बड़े निर्णय लिए थे:
- सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार
- अटारी बॉर्डर से आवाजाही पर रोक
- पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का अल्टीमेटम
- पाक नागरिकों को वीजा देने पर रोक
अब CCEA बैठक के जरिये भारत आर्थिक मोर्चे पर भी पाकिस्तान को घेरने की तैयारी में है।
संघ प्रमुख ने भी पीएम मोदी से की मुलाकात
पीएम मोदी की सेनाध्यक्षों से बैठक के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी उनसे उनके आवास पर मुलाकात की। यह पहली बार है जब भागवत जी किसी आतंकी हमले के बाद खुले तौर पर प्रधानमंत्री से मिले हैं। यह भारत के भीतर एकजुटता और बड़े निर्णय की तैयारी को दर्शाता है।
अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर भी भारत सक्रिय
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 7 अस्थायी सदस्यों से फोन पर बात कर भारत का पक्ष रखा। साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी भारत और पाकिस्तान के नेताओं से बातचीत की और हमले की निंदा की। जयशंकर ने साफ किया कि “भारत हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाकर रहेगा।”

VIKAS TRIPATHI
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