
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार (4 जनवरी 2025) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अजमेर दरगाह पर चादर भेजने से कोई लाभ नहीं होगा। उन्होंने मोदी सरकार से अदालतों में मस्जिदों और दरगाहों को लेकर दायर विवादित दावों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।
“अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के ‘उर्स’ पर अजमेर दरगाह पर प्रधानमंत्री मोदी की ओर से भेजी गई चादर चढ़ाई.”
ओवैसी ने उठाए सवाल
ओवैसी ने कहा कि चादर भेजने का मकसद यह संदेश देना है कि सरकार धार्मिक स्थलों का सम्मान करती है। लेकिन भाजपा और संघ परिवार से जुड़े लोग अदालतों में जाकर यह तर्क दे रहे हैं कि अजमेर दरगाह कोई दरगाह नहीं है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री का असली कर्तव्य इन दावों को खत्म करना है।”
‘मस्जिदों पर हो रही खुदाई की मांगें चिंताजनक’
ओवैसी ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में मस्जिदों और दरगाहों को लेकर खुदाई की मांग करते हुए अदालतों में दावे किए जा रहे हैं। भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में मस्जिदों से जुड़े सात से अधिक विवादित मामले चल रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे इन दावों को खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाएं।
चीन पर भी साधा निशाना
चीन द्वारा भारतीय सीमा पर बांध और अन्य निर्माण कार्यों पर ओवैसी ने कहा, “सरकार चीन की इन हरकतों को क्यों नहीं रोक पाई है? वे हमारी जमीन पर निर्माण कर रहे हैं और हम सिर्फ विरोध दर्ज करा रहे हैं।” उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह चीन से निवेश चाहता है और आयात असंतुलन को नजरअंदाज कर रहा है।
ओवैसी ने कहा, “यह सरकार चीन से डरती है और उसकी हरकतों को रोकने में असफल रही है। बांध बनने के बाद इससे सबसे ज्यादा नुकसान भारत को होगा।”