
नई दिल्ली/पहलगाम।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में बड़ी कार्रवाई की है। भारतीय सेना की तीनों शाखाओं ने मिलकर “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया, जिसमें 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया और 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की गई है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जानकारी
बुधवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि यह ऑपरेशन भारत की संप्रभुता की रक्षा और नागरिकों की सुरक्षा के लिए जरूरी था। उन्होंने बताया कि हमले की सटीक योजना बनाई गई थी और सभी लक्ष्यों को सफलतापूर्वक निष्पादित किया गया।
रेजिस्टेंस फ्रंट: लश्कर का नया चेहरा
मिस्री ने कहा कि “द रेजिस्टेंस फ्रंट” (TRF) ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी। यह समूह असल में लश्कर-ए-तैयबा का ही एक छद्म चेहरा है, जिसे पाकिस्तान से संचालित किया जा रहा है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र को मई और नवंबर 2024 में TRF की जानकारी दी थी, जिसमें इसे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के लिए एक कवच (cover organisation) बताया गया था।
एक पोस्ट और रिपोस्ट से खुल गई पोल
विदेश सचिव ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद TRF द्वारा किया गया दावा और लश्कर के सोशल मीडिया हैंडल द्वारा उसे रीपोस्ट किया जाना इस बात का सीधा संकेत है कि हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी। भारतीय खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तान से भेजे गए निर्देश, नोट्स और संदिग्ध डिजिटल गतिविधियों के प्रमाण मिले हैं।
पाकिस्तान एक ‘आतंकी सेफ हाउस’
विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत के पास ऐसे कई प्रमाण हैं जो दर्शाते हैं कि पाकिस्तान आतंकियों को शरण और संसाधन देता है। उन्होंने साजिद मीर के उदाहरण का उल्लेख किया, जिसे पहले पाकिस्तान ने मृत घोषित कर दिया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद उसे जीवित पाया गया और गिरफ्तार किया गया।
देर क्यों लगी? मिस्री ने दिया जवाब
विदेश सचिव ने यह स्पष्ट किया कि भारत की कार्रवाई में देरी इसलिए हुई क्योंकि सरकार पूरी तैयारी, सटीक खुफिया इनपुट और अंतरराष्ट्रीय सहमति के साथ आगे बढ़ना चाहती थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमले के 14 दिन बाद भी कोई कदम नहीं उठाया, और सिर्फ इनकार और झूठे आरोपों का सहारा लिया।
और हमलों की थी तैयारी
मिस्री ने चेतावनी दी कि भारतीय खुफिया एजेंसियों को संकेत मिले थे कि पाकिस्तान आधारित आतंकी मॉड्यूल भारत में और हमलों की तैयारी कर रहे थे। इसी को देखते हुए सरकार ने सक्रिय और निर्णायक कार्रवाई का रास्ता चुना।

VIKAS TRIPATHI
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