
नया घर लेने वालों के लिए खुशखबरी है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा समेत पूरे उत्तर प्रदेश में जल्द ही फ्लैट की कीमतों में कमी होने वाली है। प्रदेश के विभिन्न शहरों में प्राधिकरणों और आवास विकास के फ्लैटों की कीमतों में 20 से 25 प्रतिशत तक की कमी देखने को मिलेगी। इसके लिए नई कास्टिंग गाइडलाइन तैयार कर ली गई है।
यूपी में साल 1999 में बनी कास्टिंग गाइडलाइन के अनुसार संपत्तियों की कीमतों की गणना की जाती है। इसमें कई ऐसे चार्ज जुड़े हुए हैं जो संपत्तियों की कीमतें बढ़ा देते हैं। प्रदेश के प्राधिकरण एचआईजी, एमएमआई और एमआईजी श्रेणी के मकानों के बेसिक मूल्य पर 15 प्रतिशत कंटीजेंसी और 15 प्रतिशत ओवरहेड चार्ज लगता है। एलआईजी श्रेणी के मकानों के लिए 15 प्रतिशत कंटीजेंसी और 12.50 प्रतिशत ओवरहेड चार्ज लिया जाता है।
ईडब्ल्यूएस श्रेणी के मकानों में 15 प्रतिशत कंटीजेंसी जोड़ा जाता है और 10 प्रतिशत ओवरहेड चार्ज देना होता है। एलडीए उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने कास्टिंग गाइडलाइन में बड़े सुधार का सुझाव दिया है। एचआईजी, एमआईजी और एमएमआई श्रेणी के मकानों के कंटीजेंसी फीस में 8 प्रतिशत और ओवरहेड चार्ज में 7.50 प्रतिशत की कमी करने का भी सुझाव दिया गया है।

ऐसे कम होगी कीमत
प्लॉटों और उन पर लगने वाले ब्याज दरों में भी कमी होगी। ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी पर 7 प्रतिशत, एमआईजी पर 8 प्रतिशत, एचआईजी पर 9 प्रतिशत और व्यावसायिक भवन प्लॉट पर 11 प्रतिशत ब्याज लेने का सुझाव दिया गया है। बैंकों में ब्याज दरों में परिवर्तन होने पर इसमें भी परिवर्तन किया जा सकेगा। विलंब से भुगतान करने पर 2 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज लगेगा। लीज होल्ड भवनों में भूमि के अतिरिक्त भवनों के निर्माण लागत पर फ्री होल्ड चार्ज न लेने का भी सुझाव पेश किया गया है।
तीन सालों के बाद 50 से अधिक मकान या फ्लैट खाली होने पर उन्हें अलोकप्रिय घोषित किया जाएगा। 45 दिन में एकमुश्त भुगतान पर 6 प्रतिशत और 60 दिन में पूरे पैसे जमा करने पर 5 प्रतिशत छूट जैसे प्रावधान भी किए जाएंगे। लागत निकालने की प्रक्रिया में संशोधन होगा।
अभी भवन निर्माण और विकास उपविधि 2016 में प्लॉट की कीमत ज्यादा करने के लिए उसमें अधिक एफएआर जोड़ा जाता है। इसे कम करने के लिए अधिकतम 1.5 एफएआर के हिसाब से कीमत निर्धारित करने का सुझाव दिया गया है।
एलडीए के वित्त नियंत्रक दीपक सिंह ने बताया कि फ्लैटों और प्लॉटों की कीमतों में कमी के लिए कास्टिंग गाइडलाइन शासन को भेज दी गई है। 11 जून को अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने इस संबंध में मीटिंग की है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह प्रदेश भर में लागू हो जाएगा। एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। कैबिनेट और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मंजूरी के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।