शिमला में एक एनएचएआई अधिकारी के साथ हुई मारपीट की घटना ने हिमाचल प्रदेश की राजनीति को हिला कर रख दिया है। आरोप है कि राज्य सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह की मौजूदगी में एनएचएआई मैनेजर अंजल जिंदल पर हमला हुआ, जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आईं। घटना सोमवार शाम की है, जब शहर में एक पांच मंजिला इमारत गिर गई और इसका कारण फोरलेन निर्माण को बताया गया। घटनास्थल पर पहुंचे एनएचएआई अधिकारी पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया।
घायल अधिकारी को आईजीएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और ढली थाने में मामला दर्ज हो गया है।
गडकरी ने मांगा जवाब, ठाकुर ने की मंत्री से इस्तीफे की मांग
इस घटना पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से फोन पर बात कर दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। उधर, नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंत्री अनिरुद्ध सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफे की मांग कर दी है। उन्होंने कहा, “एक मंत्री द्वारा अधिकारी से मारपीट प्रशासनिक मर्यादा और लोकतांत्रिक व्यवस्था का सीधा उल्लंघन है।”
मुख्यमंत्री का आश्वासन: कानून के अनुसार कार्रवाई
तेज़ होते सियासी हमलों के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सफाई दी है कि कानून के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री गडकरी से इस मामले में चर्चा हो चुकी है और सरकार पूरी गंभीरता से मामले को देख रही है।
सत्ता में कांग्रेस, विपक्ष के निशाने पर
यह घटना न सिर्फ हिमाचल सरकार की प्रशासनिक साख पर सवाल खड़े कर रही है, बल्कि कांग्रेस के लिए भी यह एक राजनीतिक संकट में बदलती जा रही है। विपक्ष अब इस मुद्दे को आगामी विधानसभा सत्र में उठाने की तैयारी कर रहा है।
अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या सरकार दोषियों पर सख्त कार्रवाई करती है या मामले को दबाने की कोशिश होती है।