
पटना। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे भले ही राष्ट्रीय राजनीति पर ज्यादा असर न डालें, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव 2025 पर इसका प्रभाव पड़ना लगभग तय है। वजह साफ है—महाराष्ट्र में बीजेपी ने अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ 132 सीटें जीती हैं और सत्ता तक पहुंचने के लिए सिर्फ 13 सीटों की जरूरत है। अगर चाहती, तो बीजेपी अपने दम पर भी सरकार बना सकती थी, लेकिन गठबंधन को प्राथमिकता देकर ऐसा नहीं किया।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि शिवसेना नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बीजेपी की बड़ी पार्टी बनने के बाद मुख्यमंत्री पद की दावेदारी से हाथ खींच लिया है। उनके इस कदम ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है और इसका असर अब बिहार की राजनीति पर भी पड़ सकता है।
बिहार में नीतीश कुमार के लिए मुश्किल हालात?
अगर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनती है, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास शायद सीएम पद छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। महाराष्ट्र में अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी और शिंदे गुट की शिवसेना ने जिस तरह से सत्ता में अपनी भूमिका सीमित कर ली है, उससे यही संकेत मिलता है कि बिहार में भी ऐसा ही समीकरण बन सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू को बीजेपी से कम सीटें मिलने के बावजूद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन 2025 में हालात अलग हो सकते हैं। महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे बताते हैं कि बीजेपी अब इस ‘पुराने फॉर्मूले’ को दोहराने में दिलचस्पी नहीं दिखा सकती।
क्या नीतीश कुमार 2025 में भी सीएम बने रहेंगे?
महाराष्ट्र में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है और अपने दम पर सरकार बनाने के करीब है। इसके बावजूद बीजेपी ने गठबंधन धर्म निभाते हुए शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित पवार गुट के साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला किया। इसी के तहत शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की दावेदारी छोड़ दी।
अब सवाल यह उठता है कि अगर बिहार में भी बीजेपी बड़ी पार्टी बनती है, तो क्या नीतीश कुमार भी शिंदे की तरह मुख्यमंत्री पद से पीछे हट जाएंगे? क्या वह नैतिकता का हवाला देकर फैसला पीएम मोदी और अमित शाह पर छोड़ देंगे?
बिहार: बीजेपी की अगली मंजिल?
विशेषज्ञों का मानना है कि महाराष्ट्र और बिहार उन गिने-चुने राज्यों में हैं जहां बीजेपी अब तक अपने दम पर सरकार नहीं बना पाई है। ओडिशा में इस साल बीजेपी ने यह बाधा पार कर ली है, और अब बिहार ही ऐसा राज्य बचा है जहां बीजेपी 2025 में अपने दम पर सरकार बनाने का सपना देख रही है।
अगर महाराष्ट्र जैसी स्थिति बिहार में बनती है, तो 2025 का चुनाव नीतीश कुमार के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है। क्या बिहार में भी महाराष्ट्र की कहानी दोहराई जाएगी? यह सवाल आने वाले महीनों में बिहार की राजनीति की दिशा तय कर सकता है।