नई दिल्ली — NDA ने उपराष्ट्रपति पद के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल चन्द्रपुरम पोनुस्वामी (सी.पी.) राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से यह स्पष्ट संदेश भी दिया जा रहा है कि बीजेपी कोशिश कर रही है कि उपराष्ट्रपति चुनाव निर्विरोध ही संपन्न कराया जाए — इसलिए व्यापक राजनीतिक समर्थन जुटाना प्राथमिकता बन गई है। इस काम की जिम्मेदारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी गई है।
राजनाथ सिंह: विपक्षी नेताओं से लगातार वार्ता
सूचना के अनुसार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कई विपक्षी और क्षेत्रीय नेताओं से फोन पर संपर्क कर समर्थन का अनुरोध किया है। इनमें कांग्रेसी वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. Stalin, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाइएसआरसीपी के जगन मोहन रेड्डी जैसे नाम शामिल हैं। इसके अलावा आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू भी विपक्षी नेताओं से समर्थन मांगने की कवायद में हैं।
YSRCP ने दिया समर्थन — संसदीय संख्या का असर
वाइएसआर कांग्रेस (YSRCP) ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि वह सी.पी. राधाकृष्णन के पक्ष में वोट देगी। YSRCP के पास राज्यसभा में सात सांसद और लोकसभा में चार सांसद हैं — हालांकि लोकसभा में शामिल एक सांसद फिलहाल जेल में है। एनडीए के लिए ऐसे सहयोगियों के समर्थन से निर्विरोध चुनाव कराने की दिशा में सहूलियत मिल सकती है।
एन. चंद्रबाबू नायडू ने स्वागत किया
आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के नेता एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी राधाकृष्णन की नामज़दगी का स्वागत किया है। इस स्वागत ने NDA के भीतर और बाहरी समर्थन जुटाने की प्रक्रिया को बल दिया है।
टीएमसी की शर्त: “गैर-राजनीतिक” उम्मीदवार चाहिए
वहीं, तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने विपक्षी गठबंधन — इंडिया ब्लॉक — से कहा है कि वह किसी राजनीतिक व्यक्ति के बजाय गैर-राजनीतिक (apolitical) उम्मीदवार के पक्ष में सहमति दे। टीएमसी ने पहले भी 2022 में उपराष्ट्रपति चुनाव में मार्गरेट अल्वा को लेकर अपनी असहमति जताई थी और मतदान से दूरी बनाए रखी थी; इस बार भी वह आम सहमति को प्राथमिकता दे रही है।
आगे की रूपरेखा — क्या होगा अगला कदम?
NDA की प्राथमिकता अब अधिकतम राजनीतिक दलों का समर्थन जुटाकर उपराष्ट्रपति चुनाव निर्विरोध कराना है। राजनाथ सिंह-जेपी नड्डा-किरण रिजिजू की टीम इन दिनों विपक्षी नेताओं से लगातार संपर्क में है। अगर व्यापक सहयोग मिल जाता है तो राधाकृष्णन का चुनाव बिना मतदान के पूरा हो सकता है; अन्यथा पार्लियामेंट में निर्वाचक मंडल के बीच मतदान भी सम्भव है।