गाजीपुर। न्यायालय गाजीपुर में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ माननीय जनपद न्यायाधीश धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर उन्होंने लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोक अदालत से न केवल समय की बचत होती है, बल्कि वर्षों से लंबित मामलों का त्वरित निस्तारण भी संभव हो पाता है।
लोक अदालत : स्थायी समाधान का माध्यम
जनपद न्यायाधीश ने बताया कि लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित मामलों में अपील का कोई प्रावधान नहीं होता, जिससे विवाद का स्थायी समाधान हो जाता है। उन्होंने सभी अधिकारियों को अधिक से अधिक मामलों के निस्तारण हेतु प्रोत्साहित करते हुए आपसी सुलह-समझौते से वैमनस्य समाप्त करने का आह्वान किया।
किसान, मजदूर और जवानों को समर्पित लोक अदालत
इस अवसर पर नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत एवं अपर जिला जज (कोर्ट संख्या-1) श्री शक्ति सिंह ने लोक अदालत की जानकारी देते हुए बताया कि यह राष्ट्रीय लोक अदालत किसानों, मजदूरों और सीमा पर तैनात जवानों को समर्पित है। उन्होंने कहा कि कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक लोक अदालत का लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है तथा छोटे-छोटे विवादों को सुलह के माध्यम से समाप्त कर सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाया जा रहा है।
रिकॉर्ड संख्या में मामलों का निस्तारण
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / सचिव, पूर्णकालिक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गाजीपुर श्री विजय कुमार-IV ने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 1,39,292 मामले निस्तारण हेतु नियत थे।
सुलह-समझौते एवं संस्वीकृति के आधार पर कुल 1,24,075 वादों का अंतिम निस्तारण किया गया।
विभिन्न न्यायालयों द्वारा: 13,462 मामले
बैंक एवं अन्य विभागों द्वारा: 1,10,613 मामले निस्तारित किए गए
परिवार न्यायालय द्वारा 03 विवाहित जोड़ों में सुलह कराकर विदाई कराई गई।
10 करोड़ 95 लाख रुपये के बैंक मामलों का निस्तारण
लोक अदालत के दौरान बैंकों से संबंधित लगभग 10 करोड़ 95 लाख रुपये की धनराशि के मामले निस्तारित किए गए।
सामाजिक सरोकारों पर विशेष ध्यान
राष्ट्रीय लोक अदालत के अवसर पर वृद्धा, दिव्यांग एवं विधवा पेंशन हेतु विशेष शिविर लगाया गया। साथ ही मेडिकल कैम्प का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद रहे।
इसके अतिरिक्त बिजली बिल, गृहकर, जलकर एवं अन्य सामाजिक योजनाओं से संबंधित पंडाल भी लगाए गए।
जनपद न्यायाधीश द्वारा कुछ दिव्यांगजनों को व्हीलचेयर एवं बैसाखी का वितरण भी किया गया।
11 वर्षों से लंबित प्रकरण का निस्तारण
राष्ट्रीय लोक अदालत में जनपद का सबसे पुराना आरबिट्रेशन वाद संख्या 13/2014 (महेन्द्रा एंड महेन्द्रा बनाम माता अमरावती विद्यालय), जो लगभग 11 वर्षों से लंबित था, को पक्षकारों के मध्य सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारित किया गया। यह प्रकरण अपर जिला जज प्रथम श्री शक्ति सिंह के न्यायालय में लंबित था।
सुलह के उपरांत प्रकरण से जुड़े अधिवक्ताओं को भी सम्मानित किया गया।
इनकी रही गरिमामयी उपस्थिति
इस अवसर पर पी.ओ. (एम.ए.सी.टी.) श्री संजय हरिशुक्का, अपर जिला जज श्री अली रजा, श्री अभिमन्यू सिंह, श्री रामअवतार प्रसाद, श्री अलख कुमार, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती नूतन द्विवेदी, सिविल जज श्री अमित कुमार, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री दिपेन्द्र कुमार गुप्ता सहित अनेक न्यायिक अधिकारी, बार के पदाधिकारी, न्यायालय कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में वादकारी उपस्थित रहे।














