
ये कहानी है आज़ादी के वक्त शुरू हुए एक अखबार की, नेताओं के सपनों की, और उस पर छिड़ी कानूनी जंग की – जिसमें शामिल हैं देश के बड़े-बड़े नाम: सोनिया गांधी, राहुल गांधी, और ED यानी प्रवर्तन निदेशालय।
शुरुआत कहां से हुई?
1938 में देश को आज़ाद कराने के जुनून में जवाहरलाल नेहरू ने एक अखबार शुरू किया – नेशनल हेराल्ड। इसे चलाने के लिए एक कंपनी बनाई गई – एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL)। इसके बैनर तले हिंदी में ‘नवजीवन’, उर्दू में ‘कौमी आवाज़’ और अंग्रेजी में ‘नेशनल हेराल्ड’ छपते थे।
समय बीता, अखबार बंद हो गया। घाटा इतना बढ़ा कि 2008 में प्रेस की मशीनें थम गईं। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई… बल्कि यहीं से असली खेल शुरू होता है।
2011 में हुआ क्या?
कांग्रेस ने AJL को पहले ही 90 करोड़ रुपये का कर्ज दे रखा था। फिर पार्टी ने एक नई कंपनी बनाई – यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL)। इसकी कीमत? सिर्फ 5 लाख रुपये! और इसमें 38-38% हिस्सेदारी थी – सोनिया गांधी और राहुल गांधी की। बाकी दो कांग्रेस नेताओं के पास।
अब कांग्रेस ने अपने उस 90 करोड़ के कर्ज को YIL को ट्रांसफर कर दिया। YIL ने बदले में AJL के 9 करोड़ शेयर सिर्फ 50 लाख रुपये में खरीद लिए। और इस तरह, YIL को मिल गई 2000 करोड़ की प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक – दिल्ली, मुंबई, लखनऊ जैसी जगहों में बेशकीमती संपत्तियाँ।
फिर हंगामा क्यों?
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी को ये सौदा गले नहीं उतरा। उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर कर दी – आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पार्टी फंड का दुरुपयोग करके धोखाधड़ी से ये सब हासिल किया।
2014 में ED ने इस पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। अब ED का कहना है कि ये पूरा सौदा 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग है।
अब क्या हाल है?
ED ने 9 अप्रैल 2025 को सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे समेत कई लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है। अगली सुनवाई 25 अप्रैल को तय की गई है, जहां कोर्ट तय करेगा कि इन आरोपों को संज्ञान में लिया जाए या नहीं।
और भी बातें…
• ED ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता के 16 ठिकानों पर छापे मारे।
• जांच में पता चला – AJL की 661.69 करोड़ की संपत्ति YIL के कब्जे में है।
• इसमें से करीब 90.21 करोड़ रुपये की कमाई भी अवैध बताई गई है।
सवाल अभी बाकी हैं:
क्या ये कानूनी चूक है या जानबूझकर की गई चाल?
क्या वाकई 2000 करोड़ की प्रॉपर्टी सिर्फ 50 लाख में हथियाई गई?
और क्या सोनिया-राहुल को दोषी ठहराया जाएगा?
25 अप्रैल को कोर्ट क्या कहता है, अब सबकी नजर उस पर टिकी है…

VIKAS TRIPATHI
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