
नागपुर, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) के खुलताबाद में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विवाद अब नागपुर तक पहुँच चुका है। सोमवार शाम को नागपुर में एक संगठन द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान उड़ी अफवाहों के कारण दो गुट आमने-सामने आ गए, जिसके बाद शहर में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई।
तनाव कैसे बढ़ा?
घटना की शुरुआत नागपुर के शिवाजी चौक के पास हुई, जहां एक संगठन द्वारा औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा था। इसी दौरान कुछ अफवाहें फैलने लगीं कि इस प्रदर्शन के दौरान धार्मिक ग्रंथों को जलाया गया है। इन अफवाहों के चलते देखते ही देखते दो गुट आमने-सामने आ गए और स्थिति बेकाबू हो गई। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने जमकर पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिससे हालात और बिगड़ गए।

हिंसा और आगजनी की घटनाएं
जैसे-जैसे तनाव बढ़ा, उपद्रवियों ने सड़कों पर खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ शुरू कर दी और फिर उन्हें आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने जब हालात को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप किया, तो भीड़ ने पुलिस पर भी पथराव शुरू कर दिया। पत्थरबाजी में नागपुर के डीसीपी निकेतन कदम सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस झड़प में आम नागरिकों सहित कुल 6 लोग घायल हुए हैं। फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने बताया कि हिंसा के दौरान 2 जेसीबी मशीनों और 2-3 अन्य वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया।
पुलिस की कार्रवाई और स्थिति पर नियंत्रण
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। पुलिस ने हिंसा में शामिल 15 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि 40-50 अन्य को हिरासत में लिया गया है। साथ ही, उपद्रवियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के आधार पर आगे की जांच की जा रही है।

नागपुर पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर सिंघल ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “स्थिति नियंत्रण में है। इस हिंसा का कोई पूर्व नियोजित एजेंडा नहीं था। कुछ गलतफहमियों की वजह से झड़पें हुईं। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर ली है और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।”
कंस्ट्रक्शन साइट से हुआ पथराव
पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि झड़प के दौरान पत्थरबाजी के लिए कंस्ट्रक्शन साइट से पत्थर उठाए गए थे। शिवाजी चौक के पास निर्माण कार्य चल रहा था, जहां बड़ी मात्रा में पत्थर रखे हुए थे। इन्हीं पत्थरों का उपयोग उपद्रवियों ने पुलिस और दूसरे गुट पर हमला करने के लिए किया।
मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री की शांति की अपील
हिंसा की खबर मिलते ही महाराष्ट्र सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाए। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो गृह मंत्री भी हैं, ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा, “हम नागपुर और महाराष्ट्र के नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी तरह की हिंसा में शामिल न हों। सरकार हर हाल में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।”
इसी बीच केंद्रीय मंत्री और नागपुर सांसद नितिन गडकरी ने भी हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “नागपुर का इतिहास हमेशा से शांति का रहा है। मैं सभी भाइयों से अपील करता हूं कि वे शांति बनाए रखें और अफवाहों पर विश्वास न करें। जो भी इस प्रकार की गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
महल इलाके में पुलिस की तैनाती और सुरक्षा उपाय
नागपुर के महल इलाके में पुलिस की कड़ी तैनाती कर दी गई है, ताकि दोबारा हिंसा न भड़के। रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के जवानों को भी मौके पर तैनात किया गया है। डीसीपी अर्चित चांडक ने कहा, “हमारी फोर्स पूरी तरह मुस्तैद है और स्थिति नियंत्रण में है। हम नागरिकों से अपील करते हैं कि वे अपने घरों में रहें और किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें।”
नागपुर में हुई यह हिंसा महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद की कड़ी बन गई है। प्रशासन लगातार स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए काम कर रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। जनता से भी अपील की गई है कि वे अफवाहों से बचें और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करें। इस घटना से यह साफ है कि सांप्रदायिक तनाव और अफवाहें कितनी जल्दी माहौल बिगाड़ सकती हैं, और ऐसे समय में शांति और संयम बनाए रखना सभी के लिए जरूरी है।