नई दिल्ली, संसद भवन: संसद का मानसून सत्र सोमवार से आरंभ हो गया है और पहले ही दिन विपक्ष और सरकार के बीच तीखे टकराव के संकेत मिलने लगे हैं। कई राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े मुद्दों को लेकर कांग्रेस हमलावर मुद्रा में आ गई है। इसी क्रम में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गंभीर मुद्दों पर सरकार से जवाबदेही की मांग की है।
खरगे का सीधा हमला – “प्रधानमंत्री जवाब दें”
एक विस्तृत पोस्ट में खरगे ने कहा कि उन्होंने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद चले ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में नियमों के तहत नोटिस दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि आज तक उस हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादी न पकड़े गए, न मारे गए।“जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने खुद स्वीकार किया कि पहलगाम में सुरक्षा चूक हुई,” खरगे ने लिखा।
खरगे ने कहा कि जब सेना और देश की एकता का सवाल होता है, कांग्रेस ने हमेशा सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया है। लेकिन अब यह जानना देश का अधिकार है कि सुरक्षा तंत्र की विफलता और सरकार की रणनीति क्या है।
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर CDS, उप सेना प्रमुख और वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि संसद को पूर्ण पारदर्शिता के साथ जानकारी दी जानी चाहिए।
ट्रंप के बयान पर नाराज़गी
खरगे ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर भी सवाल उठाए जिसमें उन्होंने 24 बार दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाया।“यह भारत की संप्रभुता और गौरव के लिए अपमानजनक है। सरकार को संसद में साफ-साफ जवाब देना चाहिए,” उन्होंने कहा।
विपक्ष की मांग – दो दिन की बहस हो राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति पर
कांग्रेस पार्टी ने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगते हुए जिन प्रमुख मुद्दों को उठाया है, उनमें शामिल हैं:
पहलगाम आतंकी हमला
ऑपरेशन सिंदूर
ट्रंप के सीजफायर वाले बयान
बिहार में ‘SIR’ के बहाने कथित वोट चोरी
भारत की विदेश नीति की दिशा
जम्मू-कश्मीर में डिलिमिटेशन
अहमदाबाद विमान हादसा
मणिपुर में लगातार हिंसा
दलित, पिछड़े, महिला, आदिवासी और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार
कांग्रेस का कहना है कि इन सभी मुद्दों पर संसद में व्यापक चर्चा होनी चाहिए और प्रधानमंत्री को व्यक्तिगत रूप से आकर जवाब देना चाहिए।
“विपक्ष को बोलने नहीं दिया जाता” – शैलजा का आरोप
इस बीच कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा ने भी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी को संसद में बोलने नहीं दिया जा रहा है।“ये संसदीय परंपराओं के खिलाफ है। हमेशा से विपक्ष के नेता को सम्मानपूर्वक बोलने का अधिकार रहा है। लेकिन मोदी सरकार बहस और आलोचना से भाग रही है,” शैलजा ने कहा।
संसद का मानसून सत्र जैसे ही शुरू हुआ है, विपक्ष ने सरकार को सीधे कटघरे में खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह इस सत्र को महज़ औपचारिकता नहीं बनने देगी, बल्कि पहलगाम हमले से लेकर विदेश नीति तक हर संवेदनशील मुद्दे पर जवाब मांगेगी — और वो भी प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत रूप से।