
बिहार के दरभंगा जिले में पुलिस की लापरवाही एक बार फिर भारी पड़ गई। 20 दिन से लापता युवक भोलाराम का अंग-भंग शव मिलने के बाद इलाके में हंगामा मच गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, जिसके बाद गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। स्थिति तब और बिगड़ गई जब मौके पर पहुंची पुलिस पर भीड़ ने हमला कर दिया, गाड़ियों में तोड़फोड़ की और पुलिसवालों को दौड़ा लिया।
लापता होने के बाद भी पुलिस ने दर्ज नहीं की थी रिपोर्ट
दरभंगा के विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के आजमनगर गांव में रहने वाला भोलाराम 8 फरवरी से लापता था। परिजनों ने मब्बी थाना पुलिस को सूचना दी, लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की, न ही कोई तलाश शुरू की।
20 दिन बाद बेंता और अल्लपट्टी रेलवे गुमटी के पास क्रिकेट खेल रहे बच्चों ने झाड़ियों में एक युवक को गंभीर हालत में पड़ा देखा। लोगों ने तुरंत उसे डीएमसीएच अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
बदमाशों ने काट डाले दोनों हाथ और एक पैर
डॉक्टरों के अनुसार, युवक के दोनों हाथ और एक पैर काटकर उसे झाड़ियों में फेंका गया था। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि भोलाराम के साथ यह जघन्य अपराध किसने और क्यों किया।
गुस्साए लोगों ने किया सड़क जाम, पुलिस पर हमला
भोलाराम की मौत की खबर मिलते ही परिजनों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। सड़क पर टायर जलाकर प्रदर्शन शुरू हो गया। पुलिस जब प्रदर्शनकारियों को हटाने पहुंची, तो भीड़ उग्र हो गई और पुलिस की गाड़ी में तोड़फोड़ कर दी। हाथापाई के बाद पुलिसवालों को भागकर जान बचानी पड़ी।
गांव में तनाव, पुलिस पर लापरवाही के आरोप
गांव में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। परिजनों का आरोप है कि अगर पुलिस ने समय पर एफआईआर दर्ज कर भोलाराम की तलाश की होती, तो वह जिंदा होता। अब पुलिस मामले की जांच का दावा कर रही है, लेकिन लोगों का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है।