
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां 52 हजार से ज्यादा फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए थे। यह मामला जुलाई 2024 में पहली बार सामने आया था, जब जिला प्रशासन को इसकी शिकायत मिली थी। जांच में यह सामने आया कि वीडियो (विलेज डेवलपमेंट ऑफिसर) की आईडी का गलत इस्तेमाल करते हुए यह फर्जी प्रमाणपत्र बनाए जा रहे थे।
फर्जी प्रमाणपत्रों का आंकड़ा बढ़ा, 52 हजार तक पहुंचा
सलोन तहसील में पिछले साल जुलाई में पकड़े गए फर्जी प्रमाणपत्रों की संख्या में अब तेजी से वृद्धि हो रही है। जांच में यह पाया गया है कि जिले के कुछ गांवों में लाखों की संख्या में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाए गए हैं। प्रशासन का मानना है कि फर्जी प्रमाणपत्रों की संख्या एक लाख तक पहुंच सकती है।
फर्जी प्रमाणपत्रों को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू
मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय ने बताया कि इन फर्जी प्रमाणपत्रों को रद्द करने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही अन्य गांवों में भी जन्म प्रमाणपत्रों का सत्यापन जारी है। जिला पंचायत राज अधिकारी ने भी निदेशालय को पत्र भेजकर सभी फर्जी प्रमाणपत्रों को रद्द करने की सिफारिश की है।
वीडीओ की आईडी से बनवाए गए फर्जी प्रमाणपत्र
इस फर्जीवाड़े की शिकायत 17 जुलाई 2024 को सलोन में एडीओ पंचायत द्वारा की गई थी। शिकायत के मुताबिक, ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव और सीएससी संचालक मोहम्मद जीशान समेत चार लोगों ने वीडियो के आईडी और पासवर्ड का गलत इस्तेमाल करते हुए फर्जी प्रमाणपत्र बनाए थे।
सैकड़ों फर्जी प्रमाणपत्रों की जांच जारी
जांच में यह भी पाया गया कि पिछले कुछ महीनों में गांव-गांव में हजारों फर्जी प्रमाणपत्र जारी किए गए थे। सलोन के ग्राम पंचायत सांडा सैदन में अकेले 4,960 जन्म प्रमाणपत्र बनाए गए, जिनमें से 4,897 फर्जी पाए गए। इसी तरह औनानीस, माधौपुर निनैया, पाल्हीपुर और पृथ्वीपुर समेत कई अन्य गांवों में भी हजारों फर्जी प्रमाणपत्र पकड़े गए हैं।
इस फर्जीवाड़े ने प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, और अब अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई तेज कर दी है।

VIKAS TRIPATHI
भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए “पर्दाफास न्यूज” चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।