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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों और नक्षत्रों का व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति और उनके विशेष योग व्यक्ति को राजयोग दिलाने में सहायक होते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख योगों का वर्णन किया गया है जो व्यक्ति के जीवन में राजयोग का निर्माण करते हैं:
1. महालक्ष्मी योग:
जिस व्यक्ति की कुंडली में महालक्ष्मी योग बनता है, उसे कभी धन की कमी नहीं होती। यह योग तब बनता है जब द्वितीय भाव का स्वामी बृहस्पति, एकादश भाव में स्थित होकर तृतीय भाव पर दृष्टि डालता है। इस योग को धनकारक योग भी कहा जाता है।
2. सरस्वती योग:
यह योग तब बनता है जब शुक्र, बृहस्पति और बुध ग्रह एक दूसरे के साथ या केन्द्र में स्थित होते हैं। इस योग से व्यक्ति को कला, संगीत, लेखन, और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। मां सरस्वती की कृपा से ऐसे लोग समाज में विशेष स्थान प्राप्त करते हैं।
3. नृप योग:
नृप योग तब बनता है जब कुंडली में तीन या उससे अधिक ग्रह उच्च स्थिति में होते हैं। इस योग से व्यक्ति को राजा के समान सुख और सम्मान मिलता है।
4. अमला योग:
यह योग तब बनता है जब चन्द्रमा से दशम स्थान पर कोई शुभ ग्रह स्थित होता है। ऐसे लोग अपने जीवन में धन, यश, और कीर्ति प्राप्त करते हैं और समाज में उदाहरण स्वरूप देखे जाते हैं।
5. गजकेशरी योग:
यह बहुत ही शुभ और लाभकारी योग माना जाता है। जब गुरु और चन्द्रमा का पूर्ण कारक प्रभाव कुंडली में होता है, तब यह योग बनता है। इस योग से व्यक्ति को धन, मान-सम्मान, और उच्च पद प्राप्त होता है।
6. पारिजात योग:
यह योग तब बनता है जब लग्नेश उच्च स्थान पर होता है या अपने घर में होता है। इस योग से व्यक्ति को जीवन में अद्वितीय सफलता प्राप्त होती है।
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आचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री
मो.- 9993652408, 7828289428