Tuesday, July 1, 2025
Your Dream Technologies
HomePARDAFHAAS BREAKINGवाराणसी जेल में बड़ा फर्जीवाड़ा: साइबर अपराधी की फर्जी रिहाई पर जेल...

वाराणसी जेल में बड़ा फर्जीवाड़ा: साइबर अपराधी की फर्जी रिहाई पर जेल अधीक्षक, जेलर और डिप्टी जेलर निलंबित, विभागीय जांच के आदेश

उत्तर प्रदेश की जेल व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। वाराणसी जिला कारागार से साइबर अपराध और धोखाधड़ी के मामलों में बंद एक आरोपी सुनील कुमार उर्फ सुनील चौधरी की फर्जी दस्तावेजों के ज़रिये रिहाई किए जाने का मामला सामने आया है।

इस गंभीर लापरवाही और संभावित मिलीभगत के खुलासे के बाद डीजी जेल पीवी रामा शास्त्री ने तत्काल प्रभाव से वाराणसी जेल के तत्कालीन जेल अधीक्षक उमेश सिंह, जेलर राजेश कुमार, और डिप्टी जेलर मीना कनौजिया को निलंबित कर दिया है

इस कार्रवाई की पुष्टि कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी की है और मामले की विस्तृत विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

क्या है पूरा मामला?

बंदी सुनील कुमार, जो खुद को सुनील चौधरी के नाम से भी पहचानता था, धोखाधड़ी और साइबर क्राइम जैसे गंभीर अपराधों के आरोप में वाराणसी जेल में बंद था। जांच में सामने आया कि उसने फर्जी दस्तावेज तैयार कर जेल प्रशासन को गुमराह किया और एक गलत आदेश के आधार पर रिहा हो गया

जैसे ही यह मामला सामने आया, कारागार विभाग में हड़कंप मच गया। उप महानिरीक्षक (डीआईजी) कारागार, वाराणसी द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में जेल प्रशासन की गंभीर लापरवाही और संलिप्तता के संकेत मिले, जिसके आधार पर यह निलंबन किया गया।

अब आगे क्या?

  • तीनों अधिकारियों के निलंबन के बाद विभागीय जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
  • यह भी जांचा जा रहा है कि इस फर्जी रिहाई में किसी अन्य कर्मचारी या बाहरी व्यक्ति की भूमिका तो नहीं रही।
  • बंदी सुनील कुमार की फिर से गिरफ्तारी के लिए भी पुलिस को सतर्क कर दिया गया है।

प्रशासन पर उठ रहे सवाल

इस घटना ने उत्तर प्रदेश की जेल व्यवस्था की पारदर्शिता और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि एक बंदी फर्जी दस्तावेजों के दम पर जेल से बाहर निकल सकता है, तो यह सिस्टम की भीतर तक फैली खामियों और संभावित भ्रष्टाचार को उजागर करता है।

राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव में अब कड़ी कार्रवाई की उम्मीद

इस घटना के बाद, यह तय माना जा रहा है कि कारागार विभाग में व्यापक फेरबदल हो सकता है और अन्य जेलों में भी दस्तावेजों और बंदियों की पुनः जांच कराई जा सकती है।

- Advertisement -
Your Dream Technologies
VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

Call Now Button