
Major Blow to Naxalism: देश में नक्सल आतंक के खिलाफ सुरक्षा बलों का बड़ा एक्शन जारी है। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2024 में नक्सल प्रभावित इलाकों में 58 कैंप स्थापित किए गए, जबकि 2025 के शुरुआती 21 दिनों में ही 88 नए कैंप बनाए जा चुके हैं। यानी, बीते 13 महीने से भी कम अवधि में 146 कैंप स्थापित किए गए हैं।
नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान
सुरक्षाबलों की त्वरित कार्रवाई के चलते नक्सलियों के पैर उखड़ रहे हैं। 2025 में अब तक 50 नक्सली मुठभेड़ों में मारे गए हैं, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 290 तक पहुंच गया था। 2019 से 2024 के बीच नक्सल क्षेत्रों में 144 अर्धसैनिक बलों के कैंप स्थापित किए गए थे, जबकि 2024 और 2025 में यह संख्या 146 तक पहुंच गई है।
छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर मुठभेड़ में 14 नक्सली ढेर
छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों की संयुक्त कार्रवाई में 14 नक्सली मारे गए हैं। इनमें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के केंद्रीय समिति के सदस्य जयराम उर्फ चलपति भी शामिल हैं, जिन पर एक करोड़ रुपए का इनाम था। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के दो जवान घायल हुए हैं।
महिला नक्सलियों की भी मौत
मुठभेड़ के दौरान दो महिला नक्सली पहले मारी गईं, जबकि मंगलवार सुबह हुई कार्रवाई में तीन और महिला नक्सली मारी गईं। इस अभियान को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद पर एक बड़ा झटका बताते हुए कहा कि यह ‘नक्सल मुक्त भारत’ की दिशा में एक बड़ी सफलता है।
2025 की तेज़ शुरुआत
2025 के पहले 21 दिनों में ही सुरक्षा बलों ने 50 नक्सलियों को मार गिराया है। इससे यह स्पष्ट है कि सरकार और सुरक्षाबल नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
नक्सल क्षेत्रों में बढ़ती ताकत
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से कैंप स्थापित किए जा रहे हैं। 2019 से अब तक कुल 290 कैंप स्थापित किए जा चुके हैं। इन कैंपों के जरिए सुरक्षा बल न केवल अपनी उपस्थिति मजबूत कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी सुरक्षा का भरोसा जगा रहे हैं।
नक्सलियों के लिए बड़ा झटका
इस त्वरित और निर्णायक कार्रवाई ने नक्सलियों को बड़ा झटका दिया है। गृह मंत्रालय के मुताबिक, नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में यह अभियान और तेज किया जाएगा। सुरक्षाबलों की यह सफलता नक्सल मुक्त भारत के सपने को साकार करने की ओर एक बड़ा कदम है।