
भारत में रेल यात्रियों के लिए बड़ी घोषणा
भारत में रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर है। घोषणा की गई है कि रेल यात्रा के लिए प्रतीक्षा सूची की समस्या जल्द ही हल हो जाएगी। भारत सरकार के रेल मंत्रालय ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। प्रतीक्षा सूची की समस्या को खत्म करना रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मंत्री ने स्पष्ट किया है कि भारतीय रेलवे में प्रतीक्षा सूची को स्थायी रूप से समाप्त कर दिया जाएगा।
रेल मंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता
आपको पता होगा कि भाजपा नेता अश्विनी वैष्णव ने दूसरी बार भारत के रेल मंत्री बनने पर अपनी प्राथमिकताएँ गिनाई हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे का व्यवस्थित संचालन भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। साथ ही, उन्होंने दोहराया कि वर्ष 2032 तक भारतीय रेलवे में प्रतीक्षा सूची की समस्या को हल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। रेल मंत्री ने बताया कि भारत सरकार रेलवे नेटवर्क की दक्षता में सुधार के लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी। इन निवेशों का उपयोग प्रतीक्षा सूची की समस्या को स्थायी रूप से हल करने के लिए पर्याप्त ट्रेनों के संचालन में किया जाएगा।
भारतीय रेलवे विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर है
गौरतलब है कि भारतीय रेलवे विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर है और एशिया में दूसरे स्थान पर है। भारत में रेलवे की शुरुआत वर्ष 1853 में हुई थी। भारतीय रेलवे का नेटवर्क देश भर में 68 हज़ार वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। भारत में प्रतिदिन 13 हज़ार से ज़्यादा ट्रेनें चलती हैं, जो 8 हज़ार से ज़्यादा रेलवे स्टेशनों पर चलती हैं। हर साल लगभग 700 करोड़ यात्री भारतीय रेलवे से यात्रा करते हैं। अनुमान है कि वर्ष 2030 तक भारतीय रेलवे से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और यह एक हज़ार करोड़ तक पहुँच जाएगी।

VIKAS TRIPATHI
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