
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, लेकिन इससे पहले ही राज्य की राजनीति गरमा गई है। विपक्षी दलों शिवसेना (UBT), कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी सहित पूरे विपक्ष ने सीएम देवेंद्र फडणवीस की चाय पार्टी का बहिष्कार कर सरकार पर हमला बोला। दूसरी ओर, सीएम फडणवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने आक्रामक तेवर अपनाते हुए विपक्ष को आड़े हाथों लिया।
फडणवीस का तंज: ‘हम साथ साथ हैं’ नहीं, ‘हम आपके हैं कौन’ वाली स्थिति
मुख्यमंत्री फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्षी एकता पर तंज कसते हुए कहा,
“इनकी स्थिति ‘हम साथ साथ हैं’ जैसी नहीं, बल्कि ‘हम आपके हैं कौन’ जैसी है। इससे इनके अंदरूनी मतभेद और नाराजगी साफ दिखती है।”
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने ‘कोल्ड वॉर’ की खबरों को अफवाह बताते हुए कहा कि
“हमारे बीच कोई ब्रेक नहीं होगा, जितनी भी ब्रेकिंग न्यूज मीडिया में चले।”
विपक्ष के आरोप: सरकार ने जनता को दिया धोखा
विपक्ष ने चाय पार्टी के बहिष्कार का कारण बताते हुए सरकार पर किसानों, मराठा समुदाय और आम जनता से धोखा करने का आरोप लगाया।
विपक्षी नेताओं ने बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की आत्महत्या जैसे मुद्दों पर सरकार की विफलता को उजागर किया और साढ़े चार पन्नों का पत्र सौंपकर अपनी आपत्तियां दर्ज कराईं।
कैबिनेट बैठक में सरकार ने कसी कमर
बजट सत्र से पहले सीएम फडणवीस, डिप्टी सीएम शिंदे और अजित पवार ने कैबिनेट बैठक कर विपक्ष के हमलों का जवाब देने की रणनीति तैयार की। बैठक के दौरान शिंदे ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा,
“फडणवीस और मैंने अपनी कुर्सियां बदली हैं, लेकिन अजित पवार की कुर्सी फिक्स है।”
इस पर अजित पवार ने चुटकी लेते हुए कहा,
“आप अपनी कुर्सी फिक्स नहीं रख पाए।”
बजट सत्र में किन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष?
इस बार बजट सत्र में तीखी बहस होने के आसार हैं। विपक्ष सरकार को लाडकी बहिन योजना, कानून व्यवस्था, मराठा और ओबीसी आरक्षण और मंत्रियों के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर घेरने की योजना बना रहा है। हालांकि, विपक्ष की कमजोरी और आपसी असहमति के कारण उसकी प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे हैं।
महाराष्ट्र विधानमंडल का यह बजट सत्र राजनीतिक हलचलों से भरा रहेगा, जहां सरकार और विपक्ष के बीच जबरदस्त सियासी संग्राम देखने को मिल सकता है।