
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक और बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि इंदापुर से प्रमुख नेता हर्षवर्धन पाटिल के शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में शामिल होने की संभावना बढ़ गई है।
हाल ही में पाटिल ने शरद पवार से उनके सिल्वर ओक आवास पर मुलाकात की, जो करीब एक घंटे चली। पिछले एक महीने से चल रही चर्चाओं के बाद यह लगभग तय माना जा रहा है कि पाटिल जल्द ही भाजपा को छोड़कर एनसीपी में शामिल हो सकते हैं।
पश्चिम महाराष्ट्र में भाजपा के लिए यह एक और झटका होगा, जहां पहले से ही सामरजितसिंह घाटगे और सोलापुर में मोहिते पाटिल जैसे नेता एनसीपी में शामिल हो चुके हैं। एनसीपी, जिसे अजित पवार नेतृत्व कर रहे हैं, इंदापुर सीट को अपने गठबंधन में सुरक्षित मान रही है और पाटिल को वहां से टिकट मिलने की संभावना है। रिपोर्ट्स के अनुसार, शरद पवार ने पाटिल को इंदापुर विधानसभा से तुतारी प्रतीक पर चुनाव लड़ने का सुझाव दिया है।
फिलहाल इंदापुर के मौजूदा विधायक दत्तात्रय भरने अजित पवार की एनसीपी से जुड़े हैं। एनसीपी के ग्रैंड अलायंस के तहत यह रणनीतिक समझौता हुआ है कि वह पार्टी जिसके विधायक गठबंधन में होंगे, उसे ही सीट दी जाएगी। इस व्यवस्था से हर्षवर्धन पाटिल असंतुष्ट थे, विशेषकर तब जब उन्होंने और उनके समर्थकों ने लोकसभा चुनाव के दौरान विधानसभा टिकट की मांग की थी।
भाजपा के देवेंद्र फडणवीस की इंदापुर यात्रा और अन्य जातीय नेताओं के हस्तक्षेप के बावजूद, पाटिल को एहसास हुआ कि उन्हें टिकट नहीं मिलेगा, जिसके बाद उन्होंने एनसीपी में जाने के विकल्प पर विचार किया।
हाल के दिनों में हर्षवर्धन पाटिल अपने क्षेत्र में कई बैठकों और आयोजनों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं और यह स्पष्ट कर रहे हैं कि वह किसी भी परिस्थिति में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। उनके समर्थक भी एनसीपी को समर्थन देने की मांग कर रहे हैं, जो आने वाले चुनावों में क्षेत्र के राजनीतिक परिदृश्य में बड़े बदलाव का संकेत है।

VIKAS TRIPATHI
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