महाराष्ट्र की राजनीति में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले हलचल तेज़ होती जा रही है। जहां सभी प्रमुख दलों ने चुनावी तैयारियों का बिगुल फूंक दिया है, वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी – शरद पवार गुट) के भीतर नेतृत्व परिवर्तन की संभावना ने राजनीतिक चर्चाओं को और गर्मा दिया है।
शनिवार सुबह से ही यह खबर मीडिया में छाई रही कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, पार्टी के अंदर इस मुद्दे पर विरोधाभासी बयान सामने आ रहे हैं।
जयंत पाटिल का आत्मनिरीक्षण या संकेत?
हाल ही में आयोजित एनसीपी शरद पवार गुट की स्थापना वर्षगांठ के अवसर पर जयंत पाटिल ने अपने संबोधन में संकेत दिए थे कि वे अब संगठनात्मक ज़िम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं। उन्होंने कहा था:“पवार साहब ने मुझे बहुत मौके दिए। मैंने सात साल तक प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सेवा दी है। अब समय है कि नए चेहरों को जिम्मेदारी सौंपी जाए। मैं निवेदन करता हूं कि मुझे इस पद से मुक्त किया जाए।”
इस बयान के बाद अटकलें तेज हो गईं कि जयंत पाटिल जल्द ही औपचारिक रूप से इस्तीफा दे सकते हैं।
अंदरूनी मतभेद? दो विरोधाभासी बयान
जहां एक ओर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और विधायक जितेंद्र आव्हाड ने इन खबरों को “शरारतपूर्ण अफवाह” बताते हुए खारिज कर दिया, वहीं दूसरी ओर एनसीपी विधायक और शरद पवार के करीबी रोहित पवार ने एक साक्षात्कार में स्पष्ट रूप से कहा कि:“जयंत दादा इस्तीफा देने जा रहे हैं और 15 जुलाई को नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी। उसी दिन वह खुद नए अध्यक्ष का नाम भी घोषित करेंगे।”
इन विरोधाभासी बयानों से यह साफ है कि पार्टी के भीतर इस मुद्दे पर स्पष्टता अभी बाकी है, या फिर यह रणनीतिक मौन का हिस्सा है।
मा. जयंत पाटील साहेब हे प्रदेशाध्यक्ष आहेत. त्यांच्या राजीनाम्याच्या बातम्या प्रसारीत होणे , हा निव्वळ खोडसाळपणा आहे. पक्ष एका नियमानुसार अन् शिस्तीनुसारच चालत असतो.@PawarSpeaks @supriya_sule @Jayant_R_Patil
— Dr.Jitendra Awhad (@Awhadspeaks) July 12, 2025
शशिकांत शिंदे बन सकते हैं नए प्रदेश अध्यक्ष
सूत्रों के अनुसार, विधान परिषद सदस्य शशिकांत शिंदे को जयंत पाटिल के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी की अंदरूनी बैठकों में उनका नाम प्रमुखता से उभरा है, और संभावना है कि 15 जुलाई को वह पदभार ग्रहण कर सकते हैं।
चुनावी रणनीति से जुड़ा बदलाव?
लोकसभा चुनावों के बाद अब महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों का दौर शुरू हो चुका है। मुंबई महानगरपालिका चुनाव समेत कई अहम निकायों पर राजनीतिक दांव लगे हैं। ऐसे में एनसीपी-एसपी गुट में नेतृत्व परिवर्तन को चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
नए अध्यक्ष की नियुक्ति से पार्टी युवा नेतृत्व को सामने लाने और सांगठनिक स्फूर्ति पैदा करने की दिशा में कदम बढ़ा सकती है।
क्या यह सच में इस्तीफा है या रणनीतिक शिफ्ट?
अब सवाल यह है कि क्या जयंत पाटिल वास्तव में इस्तीफा दे रहे हैं या यह केवल एक आंतरिक संगठनात्मक रणनीति है — एक ऐसा बदलाव जो पार्टी की नई दिशा और चुनावी गति तय करेगा?
15 जुलाई को होने वाली औपचारिक घोषणा पर न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं की, बल्कि पूरे राजनीतिक गलियारों की निगाहें टिकी हुई हैं।