कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर मुख्यमंत्री बदलने को लेकर लगातार राजनीतिक सरगर्मी बनी हुई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार—दोनों की ओर से दिए जा रहे बयान इस चर्चा को और तेज कर रहे हैं। जहाँ सिद्धारमैया यह दोहराते रहे हैं कि वह अपना पूरा पाँच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे, वहीं शिवकुमार ने संकेत दिया है कि कोई भी पद स्थायी नहीं होता।
“अगले साल पेश करूंगा अपना 17वां बजट” — सिद्धारमैया
राज्य के वित्त विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में अपने संबोधन में कहा कि वह अगले वर्ष अपना 17वां बजट पेश करेंगे। उन्होंने याद दिलाया कि इस साल मार्च में वे अपना 16वां बजट पेश कर चुके हैं।
सिद्धारमैया ने अपने शुरुआती अनुभवों का जिक्र करते हुए कहा—
“जब मैं पहली बार वित्त मंत्री बना था, तब एक अखबार ने लिखा था कि यह सिद्धारमैया (एक कुरुबा) 100 भेड़ें भी नहीं गिन सकता, वह वित्त मंत्री कैसे बनेगा। लेकिन मैंने इसे चुनौती के रूप में लिया। आज तक 16 बजट पेश कर चुका हूँ और अगला बजट भी मैं ही पेश करूंगा।”
उनके इस बयान के बाद वहां मौजूद लोगों ने जोरदार तालियां बजाईं।
कर्नाटक का 2026–27 का बजट अगले साल मार्च में पेश किया जाना है। ऐसे में मुख्यमंत्री का यह बयान उस समय आया है जब नवंबर में सरकार के ढाई साल पूरे होने वाले हैं—वही समय जिसे राज्य की राजनीति में “नवंबर क्रांति” कहा जा रहा है, जहाँ संभावित नेतृत्व परिवर्तन की खूब चर्चा है।
रोटेशनल CM फॉर्मूले पर फिर से उठ रहे सवाल
मई 2023 के विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया और डी.के. शिवकुमार के बीच कड़ा मुकाबला था। लंबे मंथन के बाद सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री और शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। तब मीडिया रिपोर्टों में “ढाई-ढाई साल के रोटेशनल फॉर्मूले” की बात सामने आई थी, जबकि कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर इस पर कभी कुछ नहीं कहा।
“मैं कोई पद स्थायी रूप से नहीं रख सकता” — शिवकुमार
दूसरी ओर, उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने एक कार्यक्रम के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने पाँच साल से ज्यादा समय तक इस जिम्मेदारी को निभाया है और अब दूसरों को मौका मिलना चाहिए।
शिवकुमार ने कहा—
“मैं यह पद हमेशा के लिए नहीं रख सकता। मार्च में छह साल पूरे हो जाएंगे। अब कोई और आगे आए, लेकिन मैं नेतृत्व में बना रहूंगा। चिंता मत करो, मैं फ्रंटलाइन पर ही रहूंगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि वे अपने कार्यकाल में कम से कम 100 पार्टी कार्यालय बनाना चाहते हैं।














