
नई दिल्ली: कोलकाता डॉक्टर रेप और मर्डर केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को तीखी बहस छिड़ गई। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से अब तक की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा, जिसमें सीबीआई की जॉइंट सेक्रेटरी रैंक की अधिकारी भी मौजूद थीं। ममता बनर्जी सरकार का पक्ष रखते हुए कपिल सिब्बल ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पर दबाव बनाने की कोशिश की, जिससे कोर्ट में माहौल गरमा गया।
सीक्वेंस ऑफ इवेंट बना सबसे बड़ा मुद्दा:
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पादरीवाला की बेंच ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए, खासकर घटना के बाद पुलिस के पहुंचने और क्राइम सीन को सुरक्षित करने में हुई देरी को लेकर। कोर्ट ने कहा कि उन्होंने अपने 30 साल के करियर में ऐसा केस नहीं देखा।
सुरक्षा पर कपिल सिब्बल और तुषार मेहता में टकराव:
लंच से ठीक पहले, कपिल सिब्बल ने आरजी कर हॉस्पिटल की सुरक्षा का मुद्दा उठाया और कहा कि अब तक CISF ने सुरक्षा का जिम्मा नहीं संभाला है। इस पर तुषार मेहता ने कोलकाता पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि CISF हॉस्पिटल और हॉस्टल एरिया दोनों में सुरक्षा बढ़ाना चाहती है, लेकिन कोलकाता पुलिस इसके लिए बाधा बन रही है।
चीफ जस्टिस की महत्वपूर्ण टिप्पणी:
लंच ब्रेक के समय, चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने तुषार मेहता की बात का समर्थन करते हुए कहा कि हॉस्टल एरिया में CISF की सुरक्षा लड़कियों की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है। तुषार मेहता सीबीआई की ओर से पेश हुए थे, जबकि कपिल सिब्बल पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से अदालत में दलील दे रहे थे।

VIKAS TRIPATHI
भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए “पर्दाफास न्यूज” चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।