Bank Transactions: अगर आप बैंक खातों में बड़े लेनदेन करते हैं, तो सावधान हो जाएं। सरकार ने सेविंग और करंट अकाउंट में ट्रांजेक्शन की सीमा तय की है। इनसे ज्यादा राशि जमा करने पर भारी पेनल्टी और टैक्स का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानें, कैसे आप इस परेशानी से बच सकते हैं।
सेविंग अकाउंट में ट्रांजेक्शन पर सरकार की नजर
सेविंग अकाउंट में 10 लाख रुपये से ज्यादा राशि जमा करने पर इसकी सूचना सीधे आयकर विभाग तक पहुंचती है। इसके बाद विभाग आपसे इस राशि का स्रोत पूछ सकता है। अगर आप इसे सही तरीके से साबित नहीं कर पाते हैं, तो 60% पेनल्टी और 18% प्रोसेसिंग फीस के साथ कुल 78% राशि सरकार के खजाने में चली जाती है।
बुलंदशहर के चार्टर्ड अकाउंटेंट त्रिवेंदर जित सिंह बताते हैं, “अगर आपने सही जानकारी नहीं दी, तो सरकार आपकी जमा राशि पर भारी जुर्माना लगा सकती है। इससे बचने के लिए सभी लेनदेन की जानकारी देना जरूरी है।”
करंट अकाउंट के लिए भी सख्त नियम
व्यापारियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले करंट अकाउंट में भी सरकार की पैनी नजर है। यदि करंट अकाउंट में 50 लाख रुपये से ऊपर का लेनदेन होता है और इसकी जानकारी नहीं दी जाती, तो पेनल्टी लगाई जा सकती है।
इसके अलावा, अगर किसी खाते से 20 लाख रुपये से ज्यादा का लेनदेन किया जाता है, तो बैंक 1% टीडीएस काटता है। बड़े लेनदेन की जानकारी रजिस्ट्री ऑफिस के माध्यम से भी आयकर विभाग तक पहुंचाई जाती है।
नियमों का उद्देश्य और बचने का तरीका
सरकार के इन सख्त नियमों का मकसद ब्लैक मनी पर लगाम लगाना और वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देना है। बड़े ट्रांजेक्शन की रिपोर्टिंग से आयकर विभाग को असली आय का पता चलता है, जिससे टैक्स चोरी पर रोक लगती है।
अगर आप बड़े ट्रांजेक्शन करते हैं, तो इन नियमों का पालन करें:
- सभी लेनदेन की जानकारी आयकर विभाग को दें।
- बैंक खाते के ट्रांजेक्शन की सीमा का ध्यान रखें।
- अपनी आय के स्रोत को साबित करने के लिए दस्तावेज तैयार रखें।
अपने पैसे को सुरक्षित रखने और किसी भी परेशानी से बचने के लिए इन नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है।
VIKAS TRIPATHI
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