Wednesday, October 8, 2025
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करूर भगदड़: NDA का प्रतिनिधिमंडल पहुँचा, परिजनों से मिलकर जुटायी जानकारी — 41 की मौत, करीब 60 घायल

तमिलनाडु के करूर में 27 सितंबर को टीवीके नेता और अभिनेता विजय की राजनीतिक रैली के दौरान हुई भयावह भगदड़ में अब तक 41 लोगों की मौत और लगभग 60 लोग घायल बताए जा रहे हैं। घटना के बाद एनडीए का 8 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल करूर पहुँचा और पीड़ितों के परिजनों व घटनास्थल पर मौजूद नेताओं-गवाहों से मुलाकात कर घटना की जानकारी हासिल कर रहा है।

eyewitnesss: भाषण के 3–4 मिनट में हुई अफरा-तफरी

मौके पर मौजूद लोगों ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि विजय का भाषण शुरू होने के लगभग 3–4 मिनट के भीतर कई लोग बेहोश होने लगे — इसी से शुरुआती अफरा-तफरी फैली। एक आई-विटनेस ने कहा कि कुछ लोग पानी मांगते और गिरते रहे, जिससे हंगामा बढ़ा। उस शख्स ने बताया कि मौके पर मौजूद लोगों ने विजय से इसे बताया भी, जिनके सेवादारों ने तुरंत पानी की बोतलें बांटीं।

दूसरे गवाह के अनुसार घटना स्थल की सड़क सिर्फ 19 फुट चौड़ी थी, जबकि वहां खड़ी एक गाड़ी लगभग 12 फुट चौड़ी थी और उसने आधी सड़क घेरी हुई थी, जिससे भागने के रास्ते और सीमित हो गए। हंगामा शुरू होने के बाद एक एम्बुलेंस आने से भी भगदड़ और बढ़ गई — लोग इधर-उधर भागे और स्थिति काबू में आने में करीब एक घंटे का समय लग गया। भीड़ में कई लोग स्थानीय नहीं थे, जिससे भीड़-प्रबंधन और इलाज जटिल हुआ।

विजय पर आरोप: क्यों देर से पहुँचे?

कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि विजय जानबूझकर देर से आए थे, जिससे आयोजन स्थल पर पहले से अधिक भीड़ जमा हो चुकी थी और यही बड़ी समस्या बन गयी। हालांकि यह आरोप फिलहाल तथ्यों के रूप में स्थापित नहीं है — जांच की आवश्यकता होगी कि आयोजकों और सुरक्षा एजेंसियों की क्या भूमिका थी।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ: हेमा मालिनी का आक्रोश

केंद्र में विपक्षी और बीजेपी की ओर से भी तीखी प्रतिक्रियाएँ आईं। बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने इस हादसे को “बहुत ही भयानक” और राजनीतिक इतिहास की सबसे बड़ी भगदड़ों में से एक करार दिया। उन्होंने स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोजकों और प्रशासन दोनों को अधिक सतर्क रहना चाहिए था और यह पता लगाया जाना चाहिए कि इस त्रासदी के लिये कौन जिम्मेदार है। हेमा मालिनी ने कहा कि यदि विजय इतने लोकप्रिय हैं तो इतने बड़े जनसमूह को बुलाने से पहले सुरक्षा और व्यवस्थाओं का पूरा प्रबंध कराना चाहिए था।

मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता और मुआवज़ा घोषणा

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन घटना के दूसरे दिन करूर पहुँचे और घायल व परिजन से मिले। उन्होंने मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख और गंभीर रूप से घायल लोगों को ₹1 लाख देने की व्यवस्था की घोषणा की। CM ने घटना की नजदीकी रूप से जांच कराने और आवश्यक फौरी राहत व इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

आवश्यक कदम — जांच और भीड़-प्रबंधन की समीक्षा

घटना को देखते हुए सवाल कई स्तरों पर उठते हैं — आयोजकों की जिम्मेदारी, स्थल की क्षमता और निकासी मार्गों की उपलब्धता, स्थानीय प्रशासन की तैनाती, आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की तैयारियाँ और सार्वजनिक-भीड़ प्रबंधन के मानक लागू किए गए या नहीं। विशेषज्ञों का कहना होगा कि बड़े जनसमूहों वाली राजनीतिक रैलियों में भीड़ नियंत्रण, स्पष्ट निकासी मार्ग, पर्याप्त मेडिकल स्टाफ और समन्वित आपात सेवा बेहद जरूरी होती है।


यह दुखद हादसा फिर से यह याद दिलाता है कि लोकप्रियता और जनसमूह के बीच उचित प्रशासनिक-तैयारी व सुरक्षा मानकों का अनुपालन कितना ज़रूरी है।

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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
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