बठिंडा (पंजाब):हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने किसान आंदोलन के दौरान एक बुजुर्ग महिला किसान को लेकर किए गए अपने विवादित बयान पर माफी मांग ली है।
कंगना सोमवार को बठिंडा की अदालत में मानहानि मामले की सुनवाई में पेश हुईं, जहां उन्होंने कहा —
“अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं खेद जताती हूं। मैंने सिर्फ एक मीम को रिपोस्ट किया था, किसी व्यक्ति विशेष के प्रति टिप्पणी नहीं की थी।”
हालांकि, पीड़ित महिला और उनका परिवार कंगना की माफी से संतुष्ट नहीं है और उन्होंने इसे स्वीकार करने से इंकार कर दिया है।
“हाथ जोड़कर मांगी माफी, लेकिन परिवार नहीं हुआ राज़ी”
बुजुर्ग महिला के पति लाभ सिंह और उनके वकील ने मीडिया को बताया कि कंगना रनौत ने कोर्ट के अंदर हाथ जोड़कर माफी मांगी, लेकिन परिवार ने कहा कि यह माफी पर्याप्त नहीं है।लाभ सिंह ने कहा — “हम कंगना रनौत की माफी स्वीकार नहीं करते। आगे जो भी होगा, वो परमात्मा और कानून के अनुसार होगा।”
वकील ने बताया कि कंगना अब इसलिए माफी मांग रही हैं क्योंकि कोर्ट ने पेश होने का आदेश दिया था, जबकि पहले कई बार नोटिस और चिट्ठियों के बावजूद उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
किस बात पर हुआ था विवाद
यह मामला किसान आंदोलन (2020) के दौरान का है, जब कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर एक बुजुर्ग महिला किसान की तस्वीर साझा करते हुए दावा किया था कि
“ये वही महिला हैं जो शाहीन बाग में भी नजर आई थीं, ये 100 रुपये लेकर आंदोलन में शामिल होती हैं।”
कंगना की इस टिप्पणी पर पंजाब के बठिंडा जिले के गांव बहादरगढ़ जंडियां की रहने वाली महिला ने अपनी छवि को नुकसान पहुंचाने के आरोप में कंगना के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।
इस बयान के बाद पंजाब के कई इलाकों में किसानों और सामाजिक संगठनों ने कंगना के खिलाफ ज़ोरदार विरोध किया था।
सालों से लंबित था मामला, सुप्रीम कोर्ट ने दी थी सख्त हिदायत
यह केस पिछले कई वर्षों से अदालत में लंबित था। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कंगना रनौत की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने इस मामले को रद्द करने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि कंगना को बठिंडा की अदालत में पेश होकर कार्यवाही में सहयोग करना होगा।
इसी निर्देश के बाद सोमवार को कंगना अदालत में पेश हुईं और माफी मांगी।
अब आगे क्या?
कंगना की माफी के बाद अब यह देखना होगा कि ग्रामीणों और किसानों की संघर्ष कमेटी — जो पीड़ित महिला के साथ है — माफी स्वीकार करने पर क्या फैसला लेती है।
फिलहाल मामला अदालत में विचाराधीन है।














