
आगरा में शिक्षा विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर (जेडी) आरपी शर्मा को विजीलेंस टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया है। शनिवार शाम को आरोपी जेडी को 3 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया, जो उसने मिठाई के डिब्बे में छिपाकर रखी थी। गिरफ्तारी के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है और आरोपी को मेरठ कोर्ट में पेश किया जाएगा।
शिक्षक अजय पाल, जो शाहगंज के डीसी वैदिक इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापक हैं, ने जेडी के खिलाफ फर्जी नियुक्ति के मामले में रिपोर्ट लगाने के बदले 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। जेडी ने रकम को किस्तों में मांगा और कई बार रिश्वत की मांग की। अजय पाल ने इस संबंध में विजीलेंस में शिकायत दर्ज कराई थी।
विजीलेंस टीम के प्रभारी आईपीएस शगुन गौतम ने बताया कि शिकायत की पुष्टि के बाद पहली किस्त के रूप में 3 लाख रुपये की राशि तय की गई। शनिवार को अजय पाल ने मिठाई के डिब्बे में रुपये लेकर जेडी को कार्यालय के पास बुलाया। विजीलेंस टीम अजय पाल की गाड़ी में मौजूद थी और जैसे ही रुपये दिए गए, जेडी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तारी के बाद, कई अन्य शिक्षकों ने भी विजीलेंस कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई, जिन्होंने आरोप लगाया कि जेडी ने उनसे भी रिश्वत ली थी, लेकिन उनका काम नहीं किया। जेडी आरपी शर्मा हरिपर्वत एचआईजी फ्लैट में रहते हैं और उनकी पत्नी जीजीआईसी में प्रिंसिपल हैं। शर्मा आगरा में डीडीआर और एडी बेसिक जैसे पदों पर रह चुके हैं और 2022 से माध्यमिक शिक्षा विभाग में ज्वाइंट डायरेक्टर के रूप में तैनात थे। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जेडी ने वेतन रोकने और रिपोर्ट लगाने के एवज में 10 लाख रुपये की मांग की थी।