
इंदौर, मई 2025
इंदौर शहर की प्रतिष्ठित मानी जाने वाली ‘ड्रीम ओलंपिक शूटिंग एकेडमी’ के संचालक और कोच मोहसिन खान को यौन उत्पीड़न, ब्लैकमेलिंग और अवैध प्रशिक्षण जैसे गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। अब तक तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, और पुलिस को कई आपत्तिजनक वीडियो व चैट्स भी बरामद हुए हैं।
शिकायत से खुला घिनौना राज
मामले की शुरुआत उस वक्त हुई जब एक 20 वर्षीय युवती ने अन्नपूर्णा थाने में शिकायत दर्ज कराई। पीड़िता के अनुसार, 2021 से नवंबर 2023 के बीच प्रशिक्षण के दौरान कोच मोहसिन ने उसके साथ कई बार अश्लील हरकतें कीं और विरोध करने पर करियर खत्म करने की धमकी दी। शिकायत के बाद पुलिस ने जब जांच शुरू की, तो एक के बाद एक खुलासे होने लगे।
तीन एफआईआर, तीन कहानियां
• पहली शिकायत: 20 वर्षीय छात्रा ने यौन उत्पीड़न और धमकी देने का आरोप लगाया।
• दूसरी शिकायत: एक 24 वर्षीय पूर्व छात्रा ने कहा कि मोहसिन ने उसे खेल में मदद का झांसा देकर बलात्कार किया और फिर शादी कर ब्लैकमेल करता रहा।
• तीसरी शिकायत: एक 32 वर्षीय पूर्व महिला कर्मचारी ने एससी/एसटी एक्ट के तहत उत्पीड़न की रिपोर्ट दर्ज कराई।
वीडियो क्लिप और इलेक्ट्रॉनिक सबूत बरामद
पुलिस ने जब मोहसिन के मोबाइल और लैपटॉप की तलाशी ली, तो उसमें 100 से अधिक लड़कियों के साथ अश्लील चैट्स और कई आपत्तिजनक वीडियो बरामद हुए। यह भी सामने आया कि उसने एकेडमी के नीचे एक फ्लैट किराए पर ले रखा था जहां वह छात्राओं को बुलाकर उनका यौन शोषण करता था।
लाइसेंस नहीं, भाई के सर्टिफिकेट से चला रहा था एकेडमी
जांच में यह भी पाया गया कि मोहसिन के पास रायफल शूटिंग सिखाने का कोई वैध लाइसेंस नहीं था। वह अपने भाई के नाम पर बने सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कर एकेडमी चला रहा था।
बजरंग दल की भूमिका
स्थानीय बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने भी मामले में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कई सबूत इकट्ठा कर पुलिस को सौंपे और पीड़िताओं को आगे आने के लिए प्रेरित किया। इससे पुलिस को जांच में मदद मिली और गिरफ्तारी संभव हो सकी।

पुलिस की सख्त कार्रवाई जारी
इंदौर पुलिस ने मोहसिन खान के खिलाफ पॉक्सो एक्ट, भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 506 (धमकी), 354 (शारीरिक उत्पीड़न), और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अब तक तीन पीड़िताओं के बयान दर्ज कर चुकी है और अन्य संभावित पीड़िताओं से संपर्क कर रही है।
यह मामला सिर्फ एक कोच की विकृत मानसिकता का नहीं, बल्कि हमारे समाज में खेल और शिक्षा के नाम पर हो रहे शोषण की खौफनाक हकीकत का पर्दाफाश है।
पुलिस की तत्परता और स्थानीय सामाजिक संगठनों की सजगता ने इस मामले को उजागर किया है, लेकिन यह सवाल भी उठता है — कितनी और छात्राएं ऐसी घटनाओं को चुपचाप सहन कर रही हैं?
जारी है जांच…