नई दिल्ली, — देश भर में दर्जनों एयरपोर्टों पर हुई भीषण उड़ान-रद्ध-अवस्था के बाद सरकार और नियामक ने इंडिगो पर कड़ा रुख अपनाया है। DGCA ने एयरलाइन के CEO Pieter Elbers और ‘accountable manager’ को showcause नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है।
इमरजेंसी निर्देश — रिफंड व बैगेज डिलीवरी
सिविल एविएशन मंत्रालय ने इंडिगो को आदेश दिया है कि सभी पेंडिंग पैसेंजर रिफंड बिना किसी देरी के निपटाए जाएँ और यह प्रक्रिया रविवार, 7 दिसंबर 2025 — रात 8:00 बजे तक पूरी हो जानी चाहिए। साथ ही मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि किसी भी कारणवश यात्रियों से अलग हुए सभी बैगेज को 48 घंटों के अंदर उनके दिए हुए पते पर डिलीवर किया जाए। सरकार ने स्पष्ट किया है कि आदेश का पालन न होने पर नियामक/प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
किस वजह से हुआ संकट — नियामक की प्रारम्भिक बात
DGCA ने अपने showcause में कहा है कि इंडिगो ने नए FDTL (Flight Duty Time Limit) नियमों के लागू होने से जुड़ी तैयारी पर्याप्त नहीं की थी और ऑपरेशनल प्लानिंग व मैनेजमेंट में बड़ी चूक दिखी — परिणामस्वरूप क्रू शेड्यूलिंग और फ्लाइट संचालन में व्यवधान आया। नियामक ने यह भी कहा कि यात्रियों को आवश्यक जानकारी व सुविधाएँ समय पर उपलब्ध नहीं करवाई गईं।
Ministry of Civil Aviation has directed IndiGo to clear all pending passenger refunds without delay and mandated that the refund process for all cancelled or disrupted flights must be fully completed by 8:00 PM on Sunday, 7 December 2025.
Ministry has directed IndiGo to ensure…
— Ram Mohan Naidu Kinjarapu (@RamMNK) December 6, 2025
प्रभाव का आकार और एयरलाइन का रुख
सूत्रों व मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 5 दिसंबर को कई मुख्य हवाई अड्डों से 1,000 से अधिक फ्लाइट्स रद्द कर दी गईं — जिससे लाखों यात्रियों की यात्रा प्रभावित हुई और कई यात्रियों को एयरपोर्ट पर रात गुजारनी पड़ी। इंडिगो के CEO Pieter Elbers ने सार्वजनिक बयान में माफी मांगी और कहा है कि एयरलाइन संचालन को सामान्य करने के लिए कार्य कर रही है; कंपनी का प्रारम्भिक अनुमान है कि स्थिति 10–15 दिसंबर के बीच सामान्य हो सकती है।
आख़िरी स्थिति और आगे की सम्भावनाएँ
सरकार ने तत्काल राहत और उपभोक्ता सुरक्षा पर जोर दिया है — रिफंड व बैगेज डिलीवरियों के कड़े समयबद्ध आदेश के साथ-साथ DGCA द्वारा की जा रही जांच से इंडिगो के ऊपर जुर्माना, संचालन-नियंत्रण या अन्य वैधानिक कदमों के विकल्प खुले हैं। साथ ही नियामक समीक्षा में यह देखा जाएगा कि भविष्य में ऐसी जुगतिहीनता को कैसे रोका जाए और FDTL जैसे नियमों के कार्यान्वयन के दौरान संक्रमणकालीन व्यवस्थाएँ कैसे सुनिश्चित हों।














