भारत में FDI का तेजी से बढ़ता प्रभाव
भारत का खजाना तेजी से भर रहा है। भारतीय कंपनियों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) के जरिए बहुत सारा विदेशी धन आ रहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष 2024-25 में भारत में FDI की आमद तेजी से बढ़ेगी। हाल ही में आए आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष भारत में FDI के द्वारा 44.43 अरब डॉलर का पूंजी निवेश हुआ है। लगभग हर देश से भारत में FDI आ रहा है।
विदेशों से FDI की भारी आमद
हाल ही में हुए एक सर्वे से पता चलता है कि भारत में FDI तेजी से बढ़ रहा है। सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2023-24 के दौरान भारत में FDI से 44.43 अरब डॉलर का निवेश आया है। इनमें से सिंगापुर से सबसे ज्यादा 11.77 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिला, हालांकि यह 2022-23 की तुलना में 31.55% कम है।
प्रमुख देशों से FDI का आंकड़ा
आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 के दौरान सिंगापुर, मॉरीशस, अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), केमैन आइलैंड, जर्मनी और साइप्रस सहित प्रमुख देशों से FDI इक्विटी निवेश में कमी आई है। इसके विपरीत, नीदरलैंड और जापान से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वृद्धि देखी गई है।
सिंगापुर का महत्वपूर्ण योगदान
वित्त वर्ष 2018-19 से सिंगापुर, भारत के लिए FDI का सबसे बड़ा स्रोत रहा है। 2017-18 में भारत ने मॉरीशस से सबसे ज्यादा FDI आकर्षित किया था। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत-मॉरीशस कर संधि में संशोधन के बाद सिंगापुर, भारत में निवेश के लिए पसंदीदा क्षेत्र के रूप में उभरा है।
भविष्य की संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि 2024-25 में भारत में FDI में तेजी आएगी, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।
VIKAS TRIPATHI
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