Wednesday, July 2, 2025
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रेलवे का ‘सुनहरा’ प्रबंधन: यात्रियों को भगदड़ का ‘सद्भावना प्रमाण पत्र’ देने पर विचार!

Indian Railways’ ‘Golden’ Management: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत के बाद भी रेलवे प्रशासन की कार्यशैली “पटरी पर” बनी हुई है। स्टेशन और ट्रेनों में अव्यवस्था की बयार ऐसी बह रही है कि महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं को अब ईश्वर से पहले रेलवे की कृपा की जरूरत पड़ने लगी है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है, मगर साथ ही रेलवे की “व्यापक उपलब्धियों” को भी गिनवाना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि “यात्री सुविधाओं में ऐतिहासिक सुधार हुए हैं।” अब यह सुधार यात्रियों को भगदड़ में दौड़ने का बेहतर अनुभव देने के लिए किया गया है या उन्हें स्पेशल ट्रेन पकड़ने के लिए स्प्रिंटर एथलीट बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है, यह समझना बाकी है।

नई दिल्ली से आसनसोल तक ‘प्रबंधन’ का जलवा

शनिवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मची, और रविवार को आसनसोल रेलवे स्टेशन पर यात्रियों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए। रेलवे अधिकारियों ने इस पर कहा कि “यात्री इतने भावुक हो गए कि उन्होंने व्यवस्थाओं को छूने की बजाय तोड़ देना ही उचित समझा।”

रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था इतनी कड़ी थी कि लोगों ने उसे तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्लेटफॉर्म पर घुसने की होड़ ऐसी थी मानो ट्रेन में जगह लेने से पहले कोई ‘रेलवे टिकट लॉटरी’ निकलने वाली हो।

‘भगदड़ प्रबंधन’ में रेलवे की ऐतिहासिक पहल!

रेलवे मंत्रालय ने अपनी गलती स्वीकारने के बजाय इसके पीछे यात्रियों की “अतिउत्साहिता” को जिम्मेदार ठहराया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने कभी नहीं कहा कि ट्रेन पकड़ना इतना गंभीर खेल बन जाएगा कि लोग इसमें जान की बाज़ी लगा देंगे।”

इस ऐतिहासिक आपदा से सीख लेते हुए रेलवे ने 4 अतिरिक्त ट्रेनें चलाने की घोषणा की है। अब यह अलग बात है कि ये ट्रेनें कब और कहां पहुंचेंगी, इसका जवाब अभी रेलवे खुद ढूंढ रहा है।

रेलवे ने यात्रियों को दी एक और सौगात: “साजिश सिद्धांत”

बीजेपी के बिहार अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने इस भगदड़ को किसी “गहरी साजिश” का नतीजा बताया। अब सवाल यह है कि क्या यह साजिश अचानक ट्रेन का प्लेटफॉर्म बदलने की थी या फिर स्टेशन पर अव्यवस्था की खुद की योजना थी?

रेलवे बोर्ड के एक प्रवक्ता ने कहा, “भगदड़ की जांच की जाएगी। सीसीटीवी फुटेज देखे जा रहे हैं।” हालांकि, सवाल यह भी है कि अगर रेलवे को इस भगदड़ की फुटेज ही देखनी थी, तो वह लाइव कवरेज के लिए किसी मीडिया चैनल से टाई-अप क्यों नहीं कर लेता?

रेलवे के लिए ‘मानवीय भूल’ भी एक ‘सेवा’!

रेलवे ने हादसे की जिम्मेदारी लेने से बचने के लिए “मानवीय भूल” शब्द को अपना नया ट्रे़डमार्क बना लिया है। इस पर एक यात्री ने कटाक्ष करते हुए कहा, “रेलवे स्टेशन पर भूल से बच गए, तो ट्रेन में धक्का-मुक्की के शिकार हो जाएंगे।”

रेल मंत्री ने इस्तीफे की मांग को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि “इस हादसे के बावजूद रेलवे लगातार सुधार कर रहा है।” हां, ये अलग बात है कि अब रेलवे की “सुधरी हुई व्यवस्थाएं” खुद यात्रियों के जीवन पर भारी पड़ रही हैं।

“अगली भगदड़ कब और कहां होगी?” – यात्री असमंजस में!

रेलवे की व्यवस्थाओं पर सवाल उठते ही यात्री अब एक नया सवाल पूछने लगे हैं – अगली भगदड़ कहां और कब होगी? आखिर रेलवे का नया “भगदड़ मॉडल” इतना सफल साबित हो रहा है कि यात्रियों को अब हर यात्रा में रोमांच की उम्मीद रहने लगी है।

रेल मंत्री की ओर से यात्रियों को जल्द ही एक “सद्भावना प्रमाण पत्र” दिए जाने की संभावना है, जिसमें लिखा होगा:
“प्रिय यात्री, हम आपकी सहनशक्ति, आत्मसंयम और भगदड़ में भागने की आपकी विलक्षण क्षमता की सराहना करते हैं। आपकी अगली सुरक्षित यात्रा की शुभकामनाएं!”

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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
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