
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) ने स्पष्ट कर दिया है कि ‘भारत बनाम आतंकवाद’ विषय पर गठित सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल में पार्टी की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी शामिल होंगी। यह निर्णय केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू से हुई टेलीफोनिक बातचीत के बाद लिया गया, जिसमें सरकार ने भरोसा दिलाया कि यह डेलिगेशन पूरी तरह से राष्ट्रहित और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने पर केंद्रित है, न कि किसी राजनीतिक उद्देश्य पर।
भारत की वैश्विक कूटनीतिक मुहिम में विपक्ष की भागीदारी
केंद्र सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुत करने के लिए 7 संसदीय प्रतिनिधिमंडलों का गठन किया है। ये डेलिगेशन खासतौर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों का दौरा करेंगे। कुल 59 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में 51 सांसद और 8 राजनयिक शामिल हैं, जिनमें एनडीए के 31, कांग्रेस के 3 और 20 अन्य दलों के नेता हैं।
शिवसेना (UBT) ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है, “जब हमें स्पष्ट रूप से बताया गया कि यह राजनीतिक उद्देश्यों के बजाय आतंकवाद के खिलाफ भारत की वैश्विक पहल है, तब हमने इसमें भाग लेने का निर्णय लिया। हमारी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगी।”
“आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं, पर सवाल देश के भीतर उठेंगे”
शिवसेना (UBT) ने दो टूक कहा कि, “हम आतंकवाद के खिलाफ भारत सरकार और सशस्त्र बलों की कार्रवाई के साथ एकजुट हैं। पहलगाम हमले के बाद हमने भी प्रधानमंत्री को समर्थन दिया है। लेकिन, खुफिया तंत्र और सुरक्षा व्यवस्था की विफलताओं पर हमारे सवाल हैं, जो हम संसद और देश के अंदर उठाते रहेंगे।”
पार्टी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को वैश्विक स्तर पर बेनकाब करना जरूरी है, ताकि उसे अलग-थलग किया जा सके और उसके आतंकवादी ढांचे को खत्म किया जा सके।
सरकार को समर्थन, लेकिन ‘प्रोटोकॉल’ पर उठाया सवाल
पार्टी ने इस प्रक्रिया में बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने कहा, “ऐसे डेलिगेशन के गठन से पहले राजनीतिक दलों को पूर्व जानकारी देने की एक संस्थागत प्रणाली होनी चाहिए, ताकि भ्रम और विरोधाभास से बचा जा सके।”
शिवसेना (UBT) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जल्द ही एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की भी मांग की है, ताकि आतंकवाद के मुद्दे पर सभी दलों के बीच एक राय बन सके और राष्ट्रीय सुरक्षा के सवाल पर एकजुटता दिखाई जा सके।
संजय राउत के सवालों के बीच पार्टी का स्पष्ट स्टैंड
जहां शिवसेना (UBT) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने शुरू में इस डेलिगेशन पर सवाल उठाए थे, वहीं अब पार्टी के आधिकारिक रुख ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। अब यह साफ हो गया है कि पार्टी आतंकवाद के मुद्दे पर सरकार के प्रयासों के साथ खड़ी है और वैश्विक मंच पर भारत की आवाज को मजबूती देने के लिए तैयार है।
शिवसेना (UBT) ने राजनीतिक मतभेदों से परे जाकर आतंकवाद के खिलाफ भारत की वैश्विक लड़ाई में हिस्सा लेने का फैसला किया है। यह कदम न केवल राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जब बात देश की सुरक्षा की हो, तो विपक्ष भी जिम्मेदारी के साथ अपनी भूमिका निभाता है।

VIKAS TRIPATHI
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