नई दिल्ली।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद पाकिस्तान की ओर से किए गए सिलसिलेवार ड्रोन व मिसाइल हमलों का भारतीय वायुसेना ने सटीक जवाब देते हुए पाकिस्तान के छह प्रमुख सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर तबाह कर दिया। इस जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान घबरा गया और अमेरिका की शरण में जाकर संघर्षविराम की गुहार लगाई। अमेरिका की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की सहमति बनी है।
72 घंटे की अशांति के बाद भारत का निर्णायक प्रहार
बीते 72 घंटों से पाकिस्तान की ओर से भारत के पश्चिमी सीमावर्ती इलाकों में नागरिक और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर ड्रोन व मिसाइल हमले किए जा रहे थे। शनिवार सुबह भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने रफ़ीकी, मुरीद और चकलाला एयरबेस सहित नौ पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए। इन हमलों का उद्देश्य पाकिस्तान की हवाई युद्ध क्षमता को पंगु बनाना था।
“सिर्फ सैन्य ठिकानों को बनाया गया लक्ष्य” — विंग कमांडर व्योमिका सिंह
एक सरकारी प्रेस ब्रीफिंग में विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा, “हमारी कार्रवाई केवल सैन्य ठिकानों तक सीमित रही। नागरिक जानमाल की क्षति से बचने के लिए अत्यंत सटीक हथियारों का उपयोग किया गया। हमारी हवाई कार्रवाई में पाकिस्तान के रडार सिस्टम, लड़ाकू विमानों के रनवे और लॉजिस्टिक बेस पर हमले किए गए।”
भारत के निशाने पर रहे पाकिस्तान के ये प्रमुख एयरबेस:
- मुरीद-चकवाल एयरबेस (पंजाब): भारत पर हुए ड्रोन हमलों का प्रमुख केंद्र। भारत से लगभग 120 किमी दूर, यह बेस हालिया हमलों का संचालन स्थल था।
- रफ़ीकी एयरबेस, शोरकोट: JF-17 थंडर और मिराज जेट से लैस, यह पाकिस्तान की आक्रामक वायुशक्ति का केंद्र है।
- चुनियां एयरबेस, कसूर: लाहौर से 70 किमी दूर स्थित यह एयरबेस पाकिस्तान की वायु सुरक्षा का अहम हिस्सा है।
- रहीम यार खान एयरबेस: भारत के हमले में इस ठिकाने पर मिसाइल से बड़ा गड्ढा बना, जो पाकिस्तान की दक्षिण-पूर्वी रणनीति के लिए अहम था।
- PAF भोलारी, सुक्कुर: सिंध स्थित यह नया लेकिन सक्रिय एयरबेस F-16 विमानों का ऑपरेशनल हब है।
- नूर खान एयरबेस, रावलपिंडी: VIP मूवमेंट और स्पेशल मिशन का केंद्र, जिसे पाक वायुसेना की “लाइफलाइन” कहा जाता है।
सीज़फायर की पहल और अमेरिका की भूमिका
भारत की निर्णायक कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने अमेरिका से मध्यस्थता की गुहार लगाई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारत और पाकिस्तान दोनों सीज़फायर पर सहमत हुए हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया।
सीधे DGMO स्तर पर हुआ समाधान
भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच हुई सीधी वार्ता के बाद संघर्षविराम पर सहमति बनी। किसी अन्य विषय पर अलग से बातचीत को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है।
रणनीतिक संदेश स्पष्ट: भारत अब चुप नहीं बैठेगा
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बात फिर स्पष्ट कर दी है — भारत अब केवल चेतावनी नहीं देता, निर्णायक कार्रवाई करता है। सटीक और संयमित सैन्य जवाब ने न केवल पाकिस्तान को झकझोर दिया बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की रणनीतिक दृढ़ता को भी रेखांकित किया है।